सार
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Pakistan President Arif Alvi) आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक 2023 और पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) ने रविवार को कहा कि वे आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक 2023 और पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी नहीं देने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उनके कर्मचारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं।
आरिफ अल्वी ने ट्वीट किया, "अल्लाह गवाह है। मैंने आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक 2023 और पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक 2023 पर साइन नहीं किए। मैं इन कानूनों से असहमत था। मैंने अपने कर्मचारियों से बिलों को अप्रभावी बनाने के लिए निर्धारित समय के भीतर बिना साइन किए वापस करने को कहा। मैंने कर्मचारियों से कई बार पूछा कि क्या उन्हें वापस कर दिया गया है। कर्मचारियों ने बताया कि वे वापस कर दिए गए हैं। हालांकि, मुझे आज पता चला कि मेरे कर्मचारियों ने मेरा आदेश नहीं माना।"
कानून मंत्रालय ने कहा- राष्ट्रपति लें अपने काम की जिम्मेदारी
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के ट्वीट पर पाकिस्तान के कानून मंत्रालय ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति को अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार, जब कोई विधेयक सहमति के लिए भेजा जाता है तो राष्ट्रपति के पास दो विकल्प होते हैं। या तो मंजूरी दें या अपनी राय के साथ संसद को वापस भेज दें।
अनुच्छेद 75 किसी तीसरे विकल्प का प्रावधान नहीं करता है। वर्तमान मामले में दोनों में से कोई भी विकल्प पूरा नहीं हुआ। राष्ट्रपति ने जानबूझकर मंजूरी देने में देरी की। बिना किसी टिप्पणी या सहमति के बिल लौटाने का प्रावधान संविधान में नहीं है। ऐसा करना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
कानून मंत्रालय ने कहा कि अगर राष्ट्रपति को कोई आपत्ति थी तो उन्हें यह बताना चाहिए था। उन्हें अपने विचार के साथ बिल वापस कर देना चाहिए था। उन्हें हाल में ऐसा कई बार किया है। वे इस संबंध में प्रेस रिलीज जारी कर सकते हैं। राष्ट्रपति खुद अपने अधिकारियों को बदनाम कर रहे है। उन्हें अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
क्या है पाकिस्तान का आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक 2023
आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और इसकी धाराएं राजद्रोह और जासूसी से संबंधित हैं। इसके लिए सजा में मृत्युदंड भी शामिल है। ऑफिशियल सीक्रेट्स (संशोधन) बिल में प्रस्ताव दिया गया है कि अगर कोई जानबूझकर सार्वजनिक अशांति पैदा करता है या सरकार के खिलाफ जाता है तो उसे अपराध माना जाएगा।
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क्या है पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक 2023
पाकिस्तान सेना अधिनियम आम तौर पर सेवारत अधिकारियों पर लागू होता है। इनपर संस्थान की आंतरिक जांच, ट्रायल और दंड प्रणाली के माध्यम से मुकदमा चलाया जाता है। अधिकारी को दोषी पाए जाने पर कोर्ट मार्शल और अपमानजनक तरीके से सेवा से बर्खास्त कर दिया जाता है। पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक 2023 के अनुसार सेना के अधिकारी सेना छोड़ने के बाद दो साल तक राजनीति में भाग नहीं ले सकते हैं। महत्वपूर्ण भूमिका वाले अधिकारियों पर सेना छोड़ने के बाद पांच साल तक राजनीति में शामिल होने पर रोक है।