सार
पाकिस्तान की सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बलतिस्तान में स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा कर रही है। नोपुरा गांव के लोगों ने जमीन कब्जा करने के चलते पाकिस्तान की सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
गिलगित-बलतिस्तान। पाकिस्तान की सेना (Pakistan Army) पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के गिलगित-बलतिस्तान (Gilgit-Baltistan) में स्थानीय लोगों की जमीन पर कब्जा कर रही है। ऐसा कर सेना स्थानीय लोगों को अपनी ही जमीन से बेदखल कर रही है और वहां देश के दूसरे इलाकों के लोगों को बसाकर जनसांख्यिकीय (Demographic) बदलाव कर रही है। स्थानीय लोग इसके खिलाफ सेना के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
ऐसी ही एक घटना गिलगित-बलतिस्तान के नोपुरा में घटी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिलगित में जनसांख्यिकीय बदलाव सुनिश्चित करने के लिए यहां पाकिस्तानी सेना जबरदस्ती 500 कैनाल जमीन पर कब्जा कर रही है। वर्तमान में यह जमीन नोपुरा की स्थानीय आबादी के स्वामित्व में है। पाकिस्तानी सेना द्वारा जमीन पर कब्जा करने के विरोध में स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पर एक रैली आयोजित की। इस दौरान पाकिस्तानी सेना और स्थानीय लोगों के बीच आमना-सामना हुआ। स्थानीय लोगों ने सेना के जवानों पर पथराव किया और सेना विरोधी नारे लगाए।
बंजर भूमि पर है सरकार का कब्जा
स्थानीय लोगों में गिलगित-बाल्टिस्तान में मौजूदा भूमि कानूनों के खिलाफ लगातार असंतोष है। स्थानीय लोग पुरानी खालसा सरकार (राज्य भूमि) नियम 1978 और उससे संबंधित बाद के कानूनों को निरस्त कराना चाहते हैं। इस कानून के तहत राज्य की सभी बंजर भूमि सरकारी स्वामित्व में है। इस कानून का इस्तेमाल कर पाकिस्तान की सरकार गिलगित-बलतिस्तान के मूल निवासियों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है।
बेदखल हो रहे स्थानीय लोग
जानबूझकर जनसांख्यिकीय परिवर्तन करने के लिए पाकिस्तानी सेना और सरकार स्थानीय लोगों से इन जमीनों का अधिग्रहण करते हैं। इसके चलते स्थानीय आबादी को बेदखल होना पड़ता है। कब्जा किए गए जमीन पर बनाए गए कार्यालयों में सरकारी कर्मचारियों और गैर गिलगित-बलतिस्तानी आबादी को रखा जाता है। इसलिए स्थानीय लोगों के पास रोजगार के लिए देश के अन्य हिस्सों में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
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