सार
मनीला: फिलीपींस में सीनेट चुनाव में एक स्वयंभू 'भगवान का बेटा' चुनाव लड़ने जा रहा है। यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद फिलीपींस के पादरी अपोलो क्विबोलॉय ने सीनेट चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है। अमेरिका में दर्ज एक मामले में, उन पर नाबालिग लड़कियों को यौनकर्मियों के रूप में अमेरिका भेजने का भी आरोप है। स्वयंभू 'भगवान का बेटा' होने का दावा करने वाले यह व्यक्ति फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते का समर्थक भी है।
74 वर्षीय यह व्यक्ति नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी सहित कई मामलों में जेल में बंद है। वह अपने वकीलों के माध्यम से अपनी उम्मीदवारी दाखिल कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेल से अपनी उम्मीदवारी के बारे में अपोलो क्विबोलॉय का कहना है कि वह देश की समस्याओं को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं। वह यह भी कहते हैं कि वह ईश्वर केंद्रित कानूनों को आगे बढ़ाने और फिलीपींस के लोगों के लिए एक सच्चे फिलिपिनो के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
2021 में, उनके खिलाफ अमेरिका में कई मामले दर्ज किए गए थे। हालाँकि, उनका बचाव करते हुए, पीड़ितों ने कहा था कि उन्होंने केवल अपना 'रात का काम' किया था। 'किंगडम ऑफ जीसस क्राइस्ट' के संस्थापक अपोलो क्विबोलॉय पर बच्चों के यौन शोषण, मानव तस्करी सहित कई आरोप हैं। पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में एक सा adventurous ऑपरेशन में अपोलो को गिरफ्तार किया था। दो हफ़्ते तक चले पुलिस ऑपरेशन के बाद उन्हें दावाओ से गिरफ्तार किया गया था। अपोलो क्विबोलॉय फिलीपींस में एक लोकप्रिय पादरी हैं।
वह खुद को 'भगवान का बेटा' बताते थे। अपोलो क्विबोलॉय अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफ.बी.आई) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल अपराधी है। अमेरिका में उन पर 12 से 25 साल की लड़कियों की तस्करी और यौन शोषण का आरोप है। जांच में पता चला है कि अपोलो क्विबोलॉय लड़कियों को अपने निजी सहायक के रूप में नियुक्त करते थे और फिर उनसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करते थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपोलो क्विबोलॉय द्वारा स्थापित 'किंगडम ऑफ जीसस क्राइस्ट' के 60-70 लाख अनुयायी हैं।