सार
कजाकिस्तान की आर्मी से बर्खास्त एक 25 साल की लड़की ने मेजर पर यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज आरोप लगाया है। दुनिया के तीन देशों-अमेरिका, जापान और अब कजाकिस्तान की आर्मी से यौन उत्पीड़न का मामला दुनियाभर के मीडिया में उछल गया है। पढ़िए चौंकाने वाला खुलासा...
नूर सुल्तान(Nur-Sultan). कजाकिस्तान की आर्मी से बर्खास्त की गई एक 25 साल की लड़की के आरोपों से सनसनी फैल गई है। अघनीम एल्शिबाएवा(Aighanym Elshibaeva) का बचपन से ही ड्रीम था कि वो आर्मी में जाए। दिसंबर, 2019 को उसका यह ड्रीम साकार हुआ और वो बतौर कॉन्ट्रेक्टर कज़ाख सेना में भर्ती हो गई। लेकिन उनका मिलिट्री करियर मई 2022 में विवादित परिस्थितियों के चलते समय से पहले खत्म हो गया। डिफेंस मिनिस्ट्री के अनुसार, युद्ध प्रशिक्षण परीक्षण(combat training test) में नाकाम रहने के कारण अघनीम को सेना से बर्खास्त(dismissed) कर दिया गया।
मेजर कहता था-मैं तुम्हारे साथ एक रात बिताना चाहता हूं
आर्मी से बर्खास्त होने के बाद एल्शिबाएवा ने आरोप लगाया था कि उसे सेना से बाहर करने के लिए मजबूर किया गया था। उसने अपने कमांडर के यौन ऑफर( sexual advances) को खारिज कर दिया था। यही नहीं, उसने इसकी शिकायत भी सीनियर्स से कर दी थी। एल्शिबाएवा ने मेजर एर्टाई कोशानोव(Major Ertai Qoshanov) पर यौन उत्पीड़न(sexual harassment) का आरोप लगाया है। इसमें दावा है कि यह सब अल्माटी प्रांत के शेंगेल्डी के शहर में एक मिलिट्री बेस पर उसके बटालियन में शामिल होने के तुरंत बाद शुरू हुआ। एल्शिबाएवा ने लोकल मीडिया से कहा-"वह हमेशा मुझे फोन करते थे और कहते थे, 'चलो मिलते हैं' या 'मैं तुम्हारे साथ एक रात बिताना चाहता हूं।" वे मुझे अपने कार्यालय में बुलाते थे।
पूरी बटालियन के सामने यौन उत्पीड़न की धमकी देता था
एल्शिबाएवा ने कहा कि जब उसने हर बार यौन संबंधों के लिए कमांडर के इन अवांछित प्रस्तावों(unwanted overtures for sexual favors) को नामंजूर कर दिया, तो इस विरोध के बावजूद कमांडर ने उसका पीछा करना जारी रखा। एल्शिबाएवा बोली-"एक बार उसने मुझे अन्य सैनिकों के सामने अनुचित तरीके से छुआ। मैंने उसे मारा और फिर मैंने इसके बारे में सबको बताना शुरू कर दिया। मैंने उससे कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है। लेकिन उन्होंने मेरे इंकार को बहुत बुरी तरह से लिया और मुझे अपमानित किया। मेजर कहते थे कि इस तरह का हरासमेंट पूरी बटालियन के सामने होगा।"
एल्शिबाएवा ने कहा कि यह उत्पीड़न सबके सामने हुआ, लेकिन कमांडर के अधीनस्थों(subordinates) ने ऐसा दिखावा किया कि उन्होंने कुछ नहीं देखा। वहीं, हायर रैंक वालों ने दूसरी तरफ मुंह फेर लिया। दरअसल, एक ही बटालियन में 30 अन्य फीमेल सोल्जर्स और कॉन्ट्रेक्टर्स(female soldiers and contractors) शामिल हैं, लेकिन कोई भी अपने करियर और सैलरी को लेकर मेजर के खिलाफ बोलकर जोखिम नहीं लेना चाहता है।
अब टैक्सी चला रही एल्शिबाएवा
एल्शिबाएवा को 3 मई को सेना से बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि उसका तीन साल का कॉन्ट्रेक्ट था। यानी 8 महीने पहले उसे सेना से निकाल दिया गया। एल्शिबाएवा अब अपनी मां और छोटे भाई-बहनों के सपोर्ट के लिए टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम कर रही है। अपने पिता की मौत के बाद एल्शिबाएवा परिवार में एकमात्र कमाने वाली मेंबर है। उसनेकहा कि अब उसकी आर्म्ड फोर्स में लौटने की कोई मंशा नहीं है। लेकिन वो मीडिया में अपनी आपबीती बताकर आर्मी बेस में क्या चल रहा है, यह जरूर सबको बताना चाहेगी।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने खारिज किए आरोप
एल्शिबाएवा ने सैन्य अभियोजकों(military prosecutors) और पुलिस को ऑफिसियल कम्प्लेंट्स की थीं, लेकिन 12 अगस्त को रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि एक जांच के बाद निष्कर्ष निकला है कि पूर्व सैनिक के आरोप सही नहीं है। बयान में कहा गया, डिफेंस मिनिस्ट्री ने मामले की जांच के लिए एक स्पेशल कमिशन का गठन किया था। उसकी जांच में एल्शिबाएवा के आरोपों के सपोर्ट में कोई सबूत नहीं मिला।
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