सार

अपने देश श्रीलंका को मुसीबत में झोंकर भागे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे गायब से हो गए हैं। पहले कहा जा रहा था कि वे मालदीव से सिंगापुर आ सकते हैं, लेकिन वहां भी नहीं पहुंचे। हालांकि बाद में खबर आई कि वे मालदीव से सऊदी एयरलाइंस के जरिये पहले सिंगापुर और फिर वहां से होकर जेद्दा में शरण लेंगे। मालदीव सरकार के अधिकारियों के हवाले से एक मीडिया ने यह जानकारी दी।

वर्ल्ड न्यूज डेस्क. करप्शन और गलत नीतियों के चलते श्रीलंका अपने ऐतिहासिक संकट से जूझ रहा है। अपने देश को आर्थिक और राजनीतिक संकट (Economic Crisis in Sri Lanka) में झोंककर भागे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे( Sri Lanka President Gotabaya Rajapaksa) अपने प्लान के तहत सिंगापुर नहीं पहुंचे। हालांकि उनके मालदीव में होने की पुष्टि हो चुकी थी। यहां से वे सिंगापुर निकलने वाले थे। बता दें कि गोटबाया के देश छोड़कर भाग जाने के बाद श्रीलंका में इमरजेंसी लगानी पड़ी है। हालांकि बाद में खबर आई कि वे मालदीव से सऊदी एयरलाइंस के जरिये पहले सिंगापुर और फिर वहां से होकर जेद्दा में शरण लेंगे। मालदीव सरकार के अधिकारियों के हवाले से एक मीडिया ने यह जानकारी दी।

सिंगापुर में करना पड़ सकता है विरोध का सामना
गोटबाया सोवियत काल के एंटोनोव एएन-32 प्राइवेट प्लेन से  अपनी पत्नी और दो बॉडीगार्ड को लेकर मालदीव पहुंचे थे। राजपक्षे बुधवार की तड़के(13 जुलाई) कोलंबो से मालदीव पहुंचे थे। यहां से गोटबाया राजपक्षे के गुरुवार की सुबह (14 जुलाई) चांगी हवाई अड्डे पर मालदीव से सिंगापुर एयरलाइंस की कमर्शियल फ्लाइट(Singapore Airlines commercial flight from Maldive) के माध्यम से पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन वे नहीं दिखे। नवीनतम रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि राजपक्षे SQ437 उड़ान में सवार नहीं थे, जो सुरक्षा चिंताओं(security concerns) के बीच सुबह 7.50 बजे सिंगापुर पहुंची थी। श्रीलंकाई मीडिया डेली मिरर ने मालदीव के सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और उनके दो सुरक्षा अधिकारी सिंगापुर जाने के लिए एक प्राइवेट प्लेन का इंतजार कर रहे थे। इस बीच राजपक्षे के सिंगापुर में पहुंचने की खबर सुनकर वहां रहने वाले श्रीलंकाई उनका विरोध करने एयरपोर्ट पहुंच गए थे।

सिंगापुर में शरण मिलना आसान नहीं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहले बताया गया था कि राजपक्षे शरण( refuge or asylum) लेने के लिए सिंगापुर जा रहे हैं। हालांकि यह इतना आसान नहीं हैं। दरअसल, सिंगापुर के गृह मामलों के मंत्री के षणमुगम(Home Affairs Minister K Shanmugam) ने सितंबर 2021 में एक लिखित संसदीय उत्तर में कहा था कि सीमित भूमि वाले एक छोटे और घनी आबादी वाले देश के रूप में सिंगापुर राजनीतिक शरण या शरणार्थी का दर्जा मांगने वाले किसी भी व्यक्ति को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है।

यह भी पढ़ें
श्रीलंका के भगौड़े राष्ट्रपति गोटबाया की मदद कर मालदीव ने मुसीबत ले ली मोल, यहां भी गहरा सकता है सियासी संकट
देश को बर्बादी में छोड़कर डरके मारे भगौड़े बने दक्षिण एशियाई देशों के ये 2 राष्ट्रपति, श्रीलंका में इमरजेंसी
श्रीलंका संकट पर A To Z : जानिए कैसा होगा संवैधानिक रोडमैप, राजपक्षे परिवार का क्या होगा, कैसे बदलेंगे हालात