सार
यह अजीबो-गरीब मामला बांग्लादेश का है। यहां जिस पुल को बनाने में 3.8 करोड़(बांग्लादेशी करेंसी टका) की लागत आई थी, अब उस तक पहुंचने के लिए लोगों को लकड़ी के दूसरे पुल यानी सीढ़ी की जरूरत पड़ रही है। अप्रोच रोड के बिना बारीसाल के बेकरगंज उपजिला में बना यह पुल यहां के निवासियों के लिए जी का जंजाल बन गया है।
ढाका. यह अजीबो-गरीब मामला बांग्लादेश का है। यहां जिस पुल को बनाने में 3.8 करोड़(बांग्लादेशी करेंसी टका) की लागत आई थी, अब उस तक पहुंचने के लिए लोगों को लकड़ी के दूसरे पुल यानी सीढ़ी की जरूरत पड़ रही है। अप्रोच रोड के बिना बारीसाल के बेकरगंज उपजिला में बना यह पुल यहां के निवासियों के लिए जी का जंजाल बन गया है। स्थानीय लोग डेढ़ साल से एक पुल पर चढ़ने के लिए 20 फीट ऊंची लकड़ी की सीढ़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे बनाने में अधिकारियों को 3.79 करोड़ रुपये का खर्च आया है, क्योंकि इसके पास कोई सड़क नहीं है। हनुआ बाजार से सटी नहर पर पुल का निर्माण 2021 में हुआ था। पढ़िए पुल की अजीबो-गरीब कहानी...
पता नहीं कब लकड़ी का पुल टपक जाए?
स्थानीय निवासी रोजाना बड़ी मुश्किल से पुल पार करते हैं और इससे अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। मामले से परिचित सूत्रों के अनुसार, पुल, स्थानीय सरकारी इंजीनियरिंग विभाग (LGED) की देखरेख में, वित्तीय वर्ष 2018-2019 के 19 दिसंबर तक पूरा होने वाला था। हालांकि, ठेकेदार नासिर मांझी ने जुलाई 2019 में काम शुरू किया। पुल और ऊपरी रेलिंग की ढलाई अप्रैल 2021 तक पूरी हो गई थी।
बांग्लादेशी मीडिया dhakatribune.com के अनुसार, डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी ठेकेदार ने अप्रोच रोड बनाने के लिए कोई पहल नहीं की, जिससे यह लगभग बेकार हो गया है। पुल के दोनों ओर स्थित बाजारों, शिक्षण संस्थानों, स्वास्थ्य केंद्रों, स्थानीय लॉन्च घाट और बस स्टैंड पर जाने में लोगों को परेशानी होती है।
पुल पार करने के लिए दोनों तरफ 20 फीट ऊंची लकड़ी की सीढ़ी चढ़ते समय छात्रों और बुजुर्गों को खासकर दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। इस बीच, स्थानीय LGED के अधिकारियों ने शिकायत मिलने के बाद भी कोई चिंता नहीं दिखाई। उपजिला अभियंता अबुल खैर ने कहा कि संपर्क सड़कों के निर्माण के लिए अधिक आवंटन मांगा गया है। उन्होंने कहा, "आवंटन प्राप्त होते ही एप्रोच सड़कों का निर्माण शुरू हो जाएगा।"
बांग्लादेश में 100 पुलब नाए जा रहे हैं
बांग्लादेश में ऐसे करीब 100 पुलों का निर्माण हो रहा है। देश के तीव्र विकास की उम्मीद में 7 नवंबर को प्रधान मंत्री शेख हसीना ने 25 जिलों में एक साथ 100 पुलों का उद्घाटन किया था। इनकी लागत करीब 879 करोड़ रुपए से अधिक है। तब पीएम ने कहा था कि यह संभावित रूप से हमारे लिए एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने के द्वार खोल सकता है। ये पुल ढाका और विभिन्न अन्य जिलों के बीच सीधे सड़क संपर्क को सुगम बनाने में मदद करेंगे, जिससे न केवल माल की ढुलाई आसान होगी, बल्कि सभी के लिए त्वरित आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा सेवाएं भी सुनिश्चित होंगी। देश के भीतर बेहतर पहुंच निस्संदेह अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए हमारे सभी संसाधनों का उपयोग करने में हमारी सहायता कर सकती है।
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