बात से मुकरने वाले पाकिस्तान को तालिबान लड़ाकों ने बकायदा सबूत के तौर पर उनकी पैंट बीच चौराहे पर दिखाई। अफगानिस्तान के नागरहार में पाक सैनिकों के कपड़ों और हथियारों को दिखाया गया। बता दें कि तालिबानी हमले में ये सैनिक अपनी चौकियां छोड़ भागे थे। 

Pakistan-Taliban War: पाकिस्तान भले ही अफगानिस्तान से जंग में अपनी वाहवाही कर रहा हो, लेकिन हकीकत में तालिबानी लड़ाकों ने उसे चारों खाने चित कर दिया है। यही वजह है कि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ अब युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिका के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं। छोटी-छोटी चीज में अपनी बात से मुकरने वाला पाकिस्तान तालिबान से हुई जंग में अपने 54 सैनिकों के मारे जाने और चौकियों के लुटने की बात से भी इनकार करता रहा है। लेकिन तालिबानी लड़ाकों ने इस बात का सबूत खुद दिया है, जिसमें वो बीच चौराहे पाकिस्तानी सैनिकों की पैंट और हथियार दिखा रहे हैं।

तालिबानी हमले में अपनी चौकियां छोड़ भागे पाकिस्तानी सैनिक

पत्रकार दाऊद जुंबिश ने अपने X हैंडल पर एक फोटो शेयर की है, जिसमें तालिबानी लड़ाके चौराहे पर पाकिस्तानी सैनिकों के कपड़े और हथियार लहराते नजर आ रहे हैं। जुंबिश के मुताबिक, तालिबान ने जब डूरंड लाइन के पास हमला किया तो कई पाकिस्तानी सैनिक अपनी चौकियां छोड़कर भाग खड़े हुए। इसके बाद तालिबान लड़ाकों ने चौकियों से उनके कपड़े और हथियार अपने कब्जे में लेते हुए इन्हें सबूत और अपनी जीत के तौर पर सरेआम दिखाया।

ये भी पढ़ें : तालिबान की मार से डरा पाकिस्तान, कतर-सऊदी के बाद जंग रुकवाने इस देश से लगाई गुहार

Scroll to load tweet…

इतिहास खुद को दोहरा रहा..

दाउद जुंबिश ने अपनी पोस्ट में लिखा- डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सेना की छोड़ी गई सैन्य चौकियों से बरामद ‘खाली पतलूनों’ को अफगानिस्तान के पूर्वी नांगरहार प्रांत में सरेआम दिखाया गया। उनकी इस पोस्ट पर लोगों ने पाकिस्तानी सेना के खूब मजे लिए। आउटसाइडर नाम के एक यूजर ने लिखा-इतिहास खुद को दोहरा रहा है। बता दें कि 1971 की जंग में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भारत के सामने सरेंडर किया था और अब एक बार फिर अफगानी लड़ाकों को देख ये अपनी चौकियां छोड़कर भागे हैं।

8 अक्टूबर से शुरू हुई पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तनातनी

बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 8 अक्टूबर से जंग के हालत बने। सबसे पहले तहरीके-तालिबान पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हमला किया, जिसमें 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इसके जवाब में 9 अक्टूबर को पाकिस्तान ने काबुल में TTP प्रमुख नूर वली महसूद को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की। हालांकि, इसमें महसूद तो बच गया, लेकिन उसके लड़के के मारे जाने की खबर आई। इसके बाद 11-12 अक्टूबर की रात तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान की सैन्य चौकियों पर धावा बोला। अफगानिस्तान ने इस दौरान 54 पाक सैनिकों के मारे जाने और 25 से ज्यादा चौकियों पर कब्जा करने का दावा किया। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने 200 तालिबानी लड़ाकों को मारने की बात कही। इसके बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से जुड़े सभी बॉर्डर बंद कर दिए, जिसके बाद सऊदी अरब और कतर ने दोनों के बीच जंग खत्म करवाने का काम शुरू किया। बाद में 15 अक्टूबर की शाम से दोनों देश 48 घंटे के सीजफायर पर सहमत हुए।

ये भी देखें : तालिबान के पास ऐसा कौन-सा 'ब्रह्मास्त्र' जिसका तोड़ नहीं ढूंढ पा रहा पाकिस्तान