Trump-Putin Meeting: डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की अगली मुलाकात हंगरी में तय हुई है। लेकिन सवाल यह है कि ICC के गिरफ्तारी वारंट के बीच क्या पुतिन बुडापेस्ट पहुंच पाएंगे? जानिए क्या कहते हैं जानकार, पुतिन के लिए खतरे और इस मीटिंग के मायने... 

Trump-Putin Meeting in Hungary 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अब हंगरी में मुलाकात की तैयारी है। पहले अलास्का में हुई बातचीत बेनतीजा रही थी, इसलिए अब उम्मीदें बुडापेस्ट पर टिक गई हैं। लेकिन इस मीटिंग से ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या पुतिन हंगरी पहुंच पाएंगे या उन्हें रास्ते में ही अरेस्ट कर लिया जाएगा? क्योंकि उन पर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) का गिरफ्तारी वारंट जारी है। ऐसे में इस मीटिंग पर सस्पेंस बना हुआ है और दुनिया की नजर इस बात पर है कि पुतिन का अगला कदम क्या होगा?

पुतिन पर गिरफ्तारी वारंट क्यों है?

साल 2023 में ICC ने पुतिन के खिलाफ युद्ध अपराध (War Crimes) और यूक्रेनी बच्चों के अवैध डिपोर्टेशन के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। लेकिन, आईसीसी के पास खुद की पुलिस नहीं है। वह सिर्फ सदस्य देशों के सहयोग से ही किसी आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है। इसलिए,अगर पुतिन का विमान हंगरी, सर्बिया या रोमानिया के हवाई क्षेत्र में आता है, तो इन देशों को तकनीकी रूप से उन्हें गिरफ्तार करना होगा।

क्या हंगरी पुतिन को गिरफ्तार करेगा?

विदेशी मामलों के जानकारों का कहना है कि हंगरी, पुतिन को गिरफ्तार करेगा, इसकी संभावना बेहद कम है। हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और उन्होंने रूस के साथ भी मजबूत रिश्ते बनाए रखे हैं। हाल ही में उन्होंने ICC से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे हंगरी की कानूनी जिम्मेदारी थोड़ी धुंधली हो गई है। ऑर्बन ने यह भी कहा कि 'यूरोप में सिर्फ बुडापेस्ट ही ऐसा शहर है जहां ऐसी मीटिंग हो सकती है।'इसके पीछे उनका राजनीतिक फायदा भी छिपा है। घरेलू स्तर पर महंगाई और आर्थिक दबाव से जूझ रही सरकार के लिए यह समिट एक बड़ा 'इमेज बूस्टर' साबित हो सकती है।

पुतिन बुडापेस्ट कैसे पहुंचेंगे?

अगर पुतिन हंगरी जाने का फैसला करते हैं, तो यह यूरोपियन यूनियन (EU) में उनकी पहली यात्रा होगी जबसे युद्ध शुरू हुआ है। लेकिन रास्ता आसान नहीं है। पहला रास्ता 3 घंटे का है, जो मॉस्को से बेलारूस और फिर पश्चिमी यूक्रेन होते हुए हंगरी जाता है। यह सबसे छोटा लेकिन सबसे खतरनाक रास्ता है क्योंकि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र युद्धग्रस्त है। दूसरा रास्ता 5 घंटे का है, जो बेलारूस से पोलैंड और स्लोवाकिया होते हुए हंगरी पहुंचता है। पोलैंड NATO सदस्य है और रूस का कट्टर विरोधी। ऐसे में यहां से उड़ान भरना बेहद जोखिमभरा हो सकता है। तीसरा रास्ता 8 घंटे का है, जो तुर्की से ग्रीस होते हुए मोंटेनेग्रो और सर्बिया से हंगरी जाता है। यह सबसे सुरक्षित और संभव रूट माना जा रहा है। सर्बिया, रूस का पुराना दोस्त, पुतिन को सुरक्षित रास्ता दे सकता है।

पुतिन को EU मंजूरी देगा या नहीं?

EU के सभी सदस्य देशों ने रूस पर सख्त सैंक्शन (प्रतिबंध) लगाए हुए हैं। अगर EU इस उड़ान की इजाजत देता है तो यह उनके यूक्रेन समर्थन के उलट संदेश होगा और अगर मना करता है, तो इसे शांति वार्ता में अड़चन माना जाएगा। यानी यूरोप फिलहाल 'करे तो मुश्किल, न करे तो मुश्किल' की स्थिति में है।

ट्रंप-पुतिन की मीटिंग क्यों अहम है?

इस ट्रंप-पुतिन मीटिंग से दुनिया को उम्मीद है कि शायद यूक्रेन युद्ध के अंत की कोई नई दिशा निकले। क्रीमलिन ने भी कहा है कि 'कई मुद्दों पर बात बाकी है, लेकिन डायलॉग जरूरी है।' अगर यह मुलाकात सफल रही, तो यह रूस के लिए बड़ा डिप्लोमैटिक कमबैक साबित हो सकती है।

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