Rishi Sunak Goldman Sachs:UK के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने Goldman Sachs में सीनियर एडवाइजर के रूप में दोबारा जॉइन किया है। अब वे ग्लोबल क्लाइंट्स को मैक्रोइकोनॉमिक और जियोपॉलिटिकल सलाह देंगे।
Rishi Sunak Goldman Sachs: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक अब एक ग्लोबल फाइनेंशियल कंपनी से बतौर सीनियर एडवाइजर जुड़ गए हैं। न्यू यॉर्क स्थित ग्लोबल बैंकिंग जायंट Goldman Sachs ने मंगलवार को पुष्टि की कि पूर्व ब्रिटिश पीएम Rishi Sunak ने कंपनी में 'सीनियर एडवाइजर' के तौर पर वापसी की है। सुनक इस कंपनी में बतौर इंटर्न और एनालिस्ट के रूप में काम कर चुके हैं।
CEO डेविड सोलोमन ने बताया कि Sunak अब दुनियाभर के क्लाइंट्स को मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक और जियोपॉलिटिकल परिदृश्य पर सलाह देंगे। उन्होंने कहा कि Rishi Sunak का अनुभव अभूतपूर्व है। वे वैश्विक दृष्टिकोण से हमें और हमारे क्लाइंट्स को समझदारी और रणनीतिक सलाह दे सकेंगे।
राजनीति से फिर कॉरपोरेट की ओर Rishi Sunak की वापसी
ऋषि सुनक ने अक्टूबर 2022 से जुलाई 2024 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। इससे पहले वे फरवरी 2020 से जुलाई 2022 तक चांसलर ऑफ द एक्सचेकर रहे थे। उन्होंने 2015 में सांसद के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और अब भी रिचमंड और नॉर्थऑलेर्टन से MP बने हुए हैं। हालांकि, 2024 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को इतिहास की सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा लेकिन सुनक ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि वे अगली संसद के पूरे कार्यकाल तक MP बने रहेंगे। ऋषि सुनक, भारत के मशहूर उद्योगपति और टेक्नोक्रेट नारायणमूर्ति व राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के दामाद हैं। इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति की बेटी अक्षता की शादी, सुनक से हुई है।
Goldman Sachs से पुराना नाता
यह Goldman Sachs में ऋषि सुनक की दूसरी पारी है। उन्होंने 2000 में यहां समर इंटर्न के रूप में काम किया और फिर 2001 से 2004 तक एनालिस्ट के रूप में जुड़े रहे। इसके बाद उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करने वाली कंपनी की सह-स्थापना की।
अब क्या करेंगे Sunak?
अब Sunak कोर फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी से जुड़े मामलों में ग्लोबल क्लाइंट्स को गाइड करेंगे। खासकर, वे वर्तमान समय में जियोपॉलिटिकल तनाव (जैसे रूस-यूक्रेन, चीन-ताइवान, ब्रिक्स बनाम अमेरिका), मैक्रोइकोनॉमिक अस्थिरता (जैसे वैश्विक मुद्रास्फीति, ब्याज दरों की नीति), पोस्ट-ब्रेक्सिट ब्रिटेन की आर्थिक भूमिका, जैसे विषयों पर Goldman Sachs के लिए रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे।
