UKPNP London Protest: यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (UKPNP) ने लंदन में पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। कई चीजों को लेकर उठाया मुद्दा।
Pakistan High Commission London: लंदन में पाकिस्तान हाई कमीसन के बार यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के सदस्य जबरदस्त तरीके से विरोध प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में जिस तरह हत्याएं हो रही है और मानवाधिकारों का अहनन हो रहा है उसके खिलाफ ये विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान “हमें आज़ादी चाहिए”, “ज़रनोश, जिब्रान, जावेद नाजी और तस्मिया के लिए न्याय”, “हमारे संसाधनों की लूट बंद करो”, “ब्जे को ना” जैसे नारों के साथ जबरदस्त तरीके से विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध में UKPNP के कार्यकर्ताओं के अलावा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहें।
गुल जमान खान द्वारा इस विरोध प्रदर्शन को आयोजित किया गया था। वहीं, UKPNP के निर्वासित अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी, शाइस्ता नसीम (ज़रनोश और जिब्रान नसीम की माँ), जमील मकसूद (अध्यक्ष, विदेश मामलों की समिति UKPNP), और सरदार नासिर अज़ीज़ खान (केंद्रीय प्रवक्ता) सहित कई पार्टी नेताओं ने वर्चुअल लिंक के जरिए सभा को संबोधित करने का काम किया था। अपने संबोधन में, सरदार शौकत अली कश्मीरी ने विरोध प्रदर्शन के आयोजन के लिए लंदन इकाई को बधाई दी और बड़ी संख्या में लोगों के आने की सराहना की। इसके अलावा उन्होंने कहा, "केवल शांतिपूर्ण बातचीत, पारस्परिक सम्मान और अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन ही एक न्यायसंगत और स्थायी समाधान का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।"
सरदार शौकत अली कश्मीरी ने इस अलावा ज़रनोश नसीम और जिब्रान नसीम, PoJK के दो शिक्षित भाइयों की न्यायेतर हत्याओं की कड़ी निंदा की। अपनी बात में कश्मीरी ने कहा, "हम पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं। हमने संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान पर इन क्रूर हत्याओं की न्यायिक जांच के गठन के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया है। आज एक बार फिर, हम पाकिस्तान और स्थानीय अधिकारियों को सच्चाई का पता लगाने के लिए एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग बनाने की याद दिलाते हैं।," इसके अलावा UKPNP ने कहा कि वह सितंबर 2025 में जिनेवा में होने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की 60वीं बैठक में इन मामलों को उठाएगा, जिनमें जरनोश और जिब्रान नसीम की हत्या, जावेद नाजी की हत्या, 6 साल की तस्मिया का बलात्कार और हत्या के अलावा शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को झूठे आरोपों में कैद करना और उनकी आवाजाही पर पाबंदी शामिल है।
