सार

अमेरिकी सरकार ने भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) को बेहद सफल बताया है। अमेरिका ने कहा कि चीन और रूस इस संगठन के सदस्य हैं। इसके बाद भी सभी देश घोषणा पर सहमत हुए।

वाशिंगटन। भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में शनिवार और रविवार को जी20 का शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) हुआ। यह सम्मेलन पूरी तरह से सफल रहा है। पूरी दुनिया में इसके लिए भारत की सराहना की जा रही है। अमेरिका ने जी20 सम्मेलन की सफलता के लिए भारत की तारीफ की है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि निश्चित रूप से यह पूरी तरह सफल सम्मेलन था।

सोमवार को एक नियमित प्रेस वार्ता में अमेरिकी विदेश विभाग के आधिकारिक प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "हम पूरी तरह से मानते हैं कि यह एक सफलता थी। जी20 एक बड़ा संगठन है। रूस और चीन जी20 के सदस्य हैं।"

अत्यंत महत्वपूर्ण है जी20 घोषणा

रूस के राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन में नहीं आने के संबंध में मिलर ने कहा, "इस संगठन के सदस्यों के अपने-अपने विचार हैं। इसके बाद भी संगठन एक बयान जारी करने में सक्षम हुआ। इसमें कहा गया है कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए और इन सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण बयान है। क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मूल में यही है।"

परमाणु हथियारों की धमकी देना अस्वीकार्य

G20 नई दिल्ली घोषणा में यूक्रेन युद्ध को लेकर कहा गया है कि परमाणु हथियारों का उपयोग या इनसे इस्तेमाल की धमकी देना अस्वीकार्य है। रूस का नाम लिए बिना घोषणा में कहा गया है कि सभी देशों संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप काम करना चाहिए। घोषणा में यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और टिकाऊ शांति का आह्वान किया गया है।

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संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार देशों को करना चाहिए काम

मिलर ने कहा कि जी20 नई दिल्ली घोषणा में हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए अपने प्रस्तावों को दोहराया और रेखांकित किया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करना चाहिए। सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए।

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