US Sanctions 6 Indian Companies: अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को ईरान से तेल खरीदने और व्यापार करने को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने भारत की 6 कंपनियों सहित कुल 20 विदेशी कंपनियों और संस्थाओं पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
US Sanctions 6 Indian Companies: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा के बाद भारत को और झटका दिया है। ट्रंप ने भारत की छह तेल और पेट्रो कैमिलक कंपनियों को बैन किया है। अमेरिकी राष्ट्रपित डोनल्ड ट्रंप के इस कदम से भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव आ सकता है। दोनों देशों के बीच एक व्यापक ट्रेड डील को लेकर वार्ता भी चल रही है।
25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन ने ईरान से तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के कारोबार में शामिल होने के आरोप में छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
छह भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
यह कदम अमेरिका की 'अधिकतम दबाव नीति' का हिस्सा है। अमेरिका की इस नीति का उद्देश्य ईरान कीआर्थिक गतिविधियों को कमजोर करना है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से जारी एक्जीक्यूटिव ऑर्डर यानी के तहत छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।
इन देशों पर भी अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
ट्रंप के इस आदेश का मकसद का ईरान के पेट्रोकैमिकल कारोबार को कमजोर करना है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और इंडोनेशिया की कंपनियों पर भी ईरानी तेल और पेट्रोकेमिकल व्यापार में शामिल होने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदने वाला कोई भी देश या व्यक्ति अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करेगा और उसे अमेरिका के साथ व्यापार की अनुमति नहीं होगी।"
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इन छह भारतीय कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
कंचन पॉलिमर्स
इस कंपनी ने फरवरी से जुलाई 2024 तक यूएई की तानाइस ट्रेडिंग से 1.3 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के पॉलीइथाइलीन सहित ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया।
अलकेमिकल सॉल्यूशंस
यह पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी है, जिसने जनवरी से दिसंबर 2024 तक 84 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदे।
रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी
इस कंपनी ने 2024 और 2025 के बीच मेथनॉल और टोल्यूनि सहित 22 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी उत्पादों का आयात किया।
जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड
जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक इस कंपनी ने 49 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के टोल्यूनि सहित ईरानी उत्पादों का आयात किया।
ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड
इस कंपनी पर 51 मिलियन डॉलर से अधिक के ईरानी पेट्रोकेमिकल व्यापार के लिए प्रतिबंध लगाया गया।
पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड
इस कंपनी ने 14 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार किया।
ईरान पर क्यों दबाव बना रहा अमेरिका?
अमेरिका ने 2018 में ईरान परमाणु समझौते से हटने के बाद से ईरान के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लागू किए हैं। भारत ईरान के सबसे बड़े तेल खरीददारों में शामिल है लेकिन 2019 में अमेरिकी दबाव के कारण भारत ने ईरानी तेल आयात बंद कर दिया था। हालांकि, कुछ भारतीय कंपनियां पेट्रोकेमिकल व्यापार में शामिल रही हैं। अमेरिका अब इस कारोबार को टार्गेट कर रहा है। अमेरिका का यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर डाल सकता है। भारत अमेरिका का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। 2024 में भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 120 बिलियन डॉलर से अधिक था।
