भारतीय-अमेरिकी रणनीतिकार एशले टेलिस को FBI ने राष्ट्रीय रक्षा जानकारी अवैध रूप से रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस पर भारत में राजनीतिक बहस छिड़ गई है। BJP ने उन्हें भारत-विरोधी बताया, जबकि कुछ इसे बदले की कार्रवाई मान रहे हैं।

वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी जियो-पॉलिटिकल रणनीतिकार एशले टेलिस की अमेरिका में FBI द्वारा गिरफ्तारी को लेकर भारत में बड़ा राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने UPA और NDA दोनों सरकारों के साथ काम किया है, वहीं BJP उन पर भारत-विरोधी ताकतों का हिस्सा होने और विपक्ष का चहेता होने का आरोप लगा रही है। मुंबई में जन्मे और पढ़े-लिखे 64 साल के एशले टेलिस को वीकेंड पर गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को उन पर आरोप तय किए गए। टेलिस को अक्सर भारत पर अपने लेखों और विचारों के कारण एक आलोचक के रूप में देखा जाता है।

एशले टेलिस पर राष्ट्रीय रक्षा जानकारी लीक करने का आरोप

अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया है कि टेलिस ने अवैध रूप से राष्ट्रीय रक्षा जानकारी अपने पास रखी थी। शक है कि उन्होंने स्टेट डिपार्टमेंट और रक्षा विभाग (अब युद्ध विभाग) से क्लासिफाइड दस्तावेज़ हासिल किए और उनकी कॉपी बनाकर अपने साथ ले गए। न्याय विभाग ने यह भी साफ किया कि वर्जीनिया के वियना में उनके घर से एक हजार से ज्यादा पन्नों के बेहद गोपनीय दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। FBI के हलफनामे से पता चलता है कि FBI महीनों या शायद सालों से उनकी हरकतों पर नज़र रख रही थी। इसमें चीनी सरकारी अधिकारियों के साथ उनकी मुलाकातों का भी ज़िक्र है।

डीप स्टेट की संपत्ति, भारत में जांच की मांग

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PMEAC) के सदस्य और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने एक्स पर लिखा, "FBI चाहे कुछ भी पता लगाए, हम भारतीयों को यह साफ करना चाहिए कि टेलिस कोई विद्वान नहीं, बल्कि एक 'डीप स्टेट' की संपत्ति थे। अब जांच इस बात की होनी चाहिए कि यह अमेरिका के 'डीप स्टेट' के लिए था या चीन के 'डीप स्टेट' के लिए।" एशले टेलिस ने पहले भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील जैसे मुद्दों पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों और जॉर्ज बुश प्रशासन के साथ भी काम किया है।

एशले टेलिस को लेकर राजनीतिक नोकझोंक

हालांकि, हाल के दिनों में टेलिस के विचार भारत सरकार के खिलाफ थे। 'फॉरेन अफेयर्स' मैगजीन में अगस्त 2025 में लिखा गया उनका लेख 'इंडियाज ग्रेट-पावर डिल्यूजन' (भारत की महाशक्ति होने का भ्रम) और मई 2023 का लेख 'अमेरिकाज बैड बेट ऑन इंडिया' (भारत पर अमेरिका का बुरा दांव) इसके उदाहरण हैं। इन लेखों में उन्होंने तर्क दिया था कि भारत चीन के खिलाफ कभी भी अमेरिका का साथ नहीं देगा।

कई लोग टेलिस को 'लेफ्ट-लिबरल लॉबी का पसंदीदा' मानते थे। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, "इससे पता चलता है कि एशले टेलिस, जिन्हें भारत में विपक्ष अक्सर कोट करता है और जिनका जश्न मनाता है, मोदी सरकार के खिलाफ इतना क्यों बोलते थे।" उन्होंने आगे कहा, "भारत के खिलाफ काम करने वाली ताकतें इस तरह से सामने आ रही हैं, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।"

क्या यह ट्रंप प्रशासन की बदले की कार्रवाई है?

लेकिन, कुछ एक्सपर्ट्स ने शक जताया है कि टेलिस की गिरफ्तारी ट्रंप प्रशासन की बदले की कार्रवाई भी हो सकती है। पूर्व राजनयिक और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के.सी. सिंह ने कहा, "भारतीय मूल के एशले डिप्लोमेसी और डिफेंस के एक बेहतरीन विश्लेषक हैं। गिरफ्तारी के बारे में पढ़कर मैं हैरान रह गया। क्या यह मौजूदा शासकों की पिछली आलोचना का बदला है या कुछ और? आज के अमेरिका में यह दोनों हो सकता है।" भारत में भी टेलिस की गतिविधियों की जांच की मांग उठी है।