Afghanistan में जारी युद्ध के कई दिल दहलाने वाले वीडियो सामने आए हैं। तालिबान ने 14 अगस्त को माजरे शरीफ सहित इलाकों जबर्दस्त हमले किए। तालिबान अब काबुल से कुछ ही दूर है।
लगभग दो दशक लंबे युद्ध में पाकिस्तान की भागीदारी के लंबे समय से इमरान खान आलोचक रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 2001 में जब पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ देने का निर्णय लिया तो वह तत्कालीन सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ (Parvej Musharraf) के करीब थे।
तालिबान शासन ने अंतरिम सरकार में सद्गुण के प्रचार और बुराई की रोकथाम मंत्रालय का गठन किया है। यह मंत्रालय देश में व्यवस्था लागू करने के लिए जिम्मेदार होगा। इस मंत्रालय के जरिए शरिया का कठोर कानून लागू कराया जाएगा।