मानवीय आधार पर भारत ने फिर से अफगानिस्तान को अनाज और दवाओं की मदद देने का वादा किया है। संयुक्त राष्ट्र परिषद(UN Security Council meeting) में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति(TS Tirumurti) ने यह बात कही।
अफगानिस्तान की मदद के लिए बीते दिनों ही यूरोपीय यूनियन (EU) ने भी मदद की बात कही थी। भारत भी मदद को आगे आया है। लेकिन पाकिस्तान लगातार अड़ंगा लगा रहा।
अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) की सरकार बनने के पैदा हुए संकट से निपटने 10 नवंबर को नई दिल्ली में 8 देशों के नेशनल सिक्योरिटी एडवायजर(MSA) अहम बैठक हुई। इसमें आतंकवाद, कट्टरपंथ और ड्रग्स के अवैध कारोबार को रोकने पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में PM मोदी भी मौजूद थे।
चीन ने मीटिंग में भाग न लेने की वजह 'शेड्यूलिंग इश्यू' बताया है। हालांकि, चीन का कहना है कि वह इस मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत को तैयार है।
मोहन सिंह की मौत पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स इसे सुसाइड बता रही हैं तो कोई इस मौत को संदिग्ध बता रहा है। फिलहाल मौत किस कारण से हुई है इसका पता चलाने के लिए मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
यूनिसेफ (UNICEF)की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में दशकों से जारी युद्ध की वजह से हजारों लोगों की जिंदगी यहां प्रभावित हुई है।
Afghanistan Conflict: अफगानिस्तान में Taliban के कब्जे के बाद देश छोड़कर अमेरिका पहुंचे एक दम्पति का यह 2 महीने का यह बच्चा लापता है। इसे उसके माता-पिता ने काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सेना को सौंपा था, ताकि वे सुरक्षित निकल सकें।
भारत ने औपचारिक रूप से सम्मेलन के लिए रूस, ईरान, चीन, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के एनएसए को आमंत्रित किया था। सूत्रों के मुताबिक भारत के निमंत्रण पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया आई है।
तालिबान अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को वह दारुल उलूम हकीमा मदरसे में "अपने बहादुर सैनिकों और शिष्यों से बात करने" के लिए गए थे। कार्यक्रम में कड़ी सुरक्षा थी और कोई तस्वीर या वीडियो सामने नहीं आया।
15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बावजूद पंजशीर प्रांत अब भी पूरी तरह से Taliban के कब्जे में नहीं आ सका है। यहां NRF अभी भी अपना कब्जा बनाए हुए है।