इस फीचर से यूजर्स गूगल शीट्स में रॉ- डेटा की हेल्प से ऑटो-कम्प्लीटेशन, जेनरेशन और कंटेक्सटुअल कैटेगरी के काम सिंपल तरीके से कर सकेंगे। इसके साथ ही गूगल मीट में न्यू बैकग्राउंड और नोट्स कैप्चर करने में भी सहूलियत होगी।
एक स्टडी के मुताबिक साइंटिस्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग करके व्यक्तियों के डीएनए में जीन को देखकर दिल से जुड़ी बीमारी की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकते हैं। एट्रियल फाइब्रिलेशन और दिल की विफलता कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के उदाहरण हैं।
Ask DISHA को बेंगलुरु स्टार्टअप CoRover Pvt Ltd की मदद से IRCTC डेवलप कर रही है। पहली बार अक्टूबर, 2018 में इसे पेश किया गया था। अब इस फीचर को वॉयस-कमांड के हिसाब से डेवलप किया जा रहा है।
स्नैपचैट ने हाल ही में My AI नाम से अपना चैटबॉट बनाया है। इससे पहले गूगल ने भी अपना एआई टूल Bard पेश किया था। कहा जा रहा है कि चैटजीपीटी को टक्कर देने कई टेक कंपनियां अपना एआई चैटबॉट डेवलप कर रही हैं।
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मेंटल हेल्थ को लेकर अपनी सर्विस दे सकेगा या मानसिक हालात सुधारने में मदद करेगा। ऐसे में हम आपको इससे जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
एआई टूल को लेकर कंपनी की तरफ से बताया गया है कि वह अपने इस एक्सपेरिमेंटल चैटबॉट का रिव्यू करेगी। यही वजह है कि कंपनी सभी चैट्स सेव करेगी। यूजर्स के रिव्यू और फीडबैक के बाद इसमें बदलाव किया जाएगा।
एक गलत धारणा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों की जगह ले लेगा। इंसान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इसकी जगह नहीं लेने देंगे क्योंकि इंसानों के पास दिमाग की शक्ति है।
चैटबॉट ने एक यूजर से झगड़ा कर लिया है। उसकी हरकत बिल्कुल इंसानों जैसी ही है। एक यूजर के सवाल पूछने पर चैटबॉट ने उससे बहस कर लिया और वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए माफी मांगते को कहा।
यह AI बेस्ड हाईटेक कोट है। इस कोट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिक्योरिटी कैमरा की पकड़ में भी नहीं आता है। इस कोट को चीनी सरकार की AI पॉवर्ड सर्विलांस से बचने के लिए बनाया गया है।
एक सर्वे के मुताबिक, 27 प्रतिशत लोग अपनी गर्लफ्रेंड या वाइफ को ChatGPT की मदद से लव लेटर लिखना चाहते हैं, जबकि 49 प्रतिशत लोगों का मानना है कि प्यार का इमोशन खुद का होना चाहिए, न कि किसी मशीन का..