IMF की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 1,888 डॉलर (करीब 1.38 लाख रुपये) रह सकती है, जबकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 1,877 डॉलर (करीब 1.37 लाख रुपये) ही रह सकती है।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने मंगलवार को बताया कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्तिय वर्ष में 10.3 प्रतिशत तक गिर सकती है। इसके साथ ही IMF ने साल 2021 में भारत की GDP में 8.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान जताया है। आईएमएफ ने कहा कि भारत में इस समय स्थिति काफी खराब है, जो हमने इससे पहले कभी नहीं देखी थी।
भाजपा राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को कहा कि देश में जब तक कोरोना वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक लॉकडाउन लगाना जरूरी है। साल 1918 में आए स्पैनिश फ्लू के बाद यह दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस है जो चीन की लैब में बनाया गया है। ये बातें उन्होंने राज्यसभा में कहीं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताया। उन्होंने कहा, चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलु उत्पाद ) की गिरावट की मुख्य वजह मोदी सरकार का जीएसटी लागू करना है।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन से पूरे देश परेशान है। इस महामारी से बचने के लिए सरकारें तमाम कोशिशें कर रही हैं, लेकिन हर दिन कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। कोरोना का असर अब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी तेजी से असर डाल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संकट के बीच मंगलवार को पांचवीं बार देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, दुनियाभर में कोरोना के खिलाफ चार महीने से जंग जारी है। अब तक 42 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। कई लोगों ने अपने परिवार के लोगों को खोया है।
अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार विशेषज्ञों से बात कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से खास बात की। इस दौरान दोनों ने अर्थव्यवस्था की चुनौतियां, कोरोना संकट से निकलने को लेकर मंथन किया। इस दौरान बनर्जी ने सलाह दी कि लोगों के हाथ में कैश पहुंचाने की जरूरत है।
सीआईआई (CII) का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है और सबसे अच्छी स्थिति में भी भारत की जीडीपी दर चालू वित्त वर्ष में ज्यादा से ज्यादा 1.5 प्रतिशत रह सकती है
फिच सॉल्यूशंस रेटिंग एजेंसी ने 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 4.6% से घटाकर 1.8% कर दिया है। इकोनॉमी पर कोविड-19 के असर को देखते हुए फिच ने अनुमान कम किया है। उसका कहना है कि बड़े पैमाने पर आय घटने से निजी खपत घटने की आशंका है
भारतीय रिजर्व बैंक ने दक्षिण एशियाई देशों में कोरोना के प्रभाव को देखते हुए अपनी रिपोर्ट में बदलाव किया है। आरबीआई के अनुसार कोरोना के प्रकोप से पहले 2020-21 के लिए अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावनाएं दिख रही थी, पर इस महामारी के आने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है।