आज हम देश के बारे में चिंतन करते हैं तो लगता है हिंदू-मुस्लिम एकता के बीच गहरी खाई पैदा हो गई। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब अंग्रेजों के खिलाफ हिंदू-मुस्लिम एकता ने मिसाल कायम की थी।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई ऐसे नाम थे, जिन्होंने भारतीय जनमानस में आत्मविश्वास का संचार किया। इन्हीं में एक थे अबनिंद्रनाथ टैगोर, जो कि महान रबिन्द्रनाथ टैगोर के परिवार से ताल्लुक रखते थे।
भारत में अंग्रेजों की एंट्री कैसे हुई यह इतिहास की किताबों में दर्ज है लेकिन वाकई में उस वक्त क्या हुआ था, यह जानना भी जरूरी है।
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक बड़ा अध्याय संयुक्त राज्य अमेरिका में घटित हुआ था, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।
पूरा भीखाजी रुस्तम कामा यानी मैडम कामा, जी हां, यही वह नाम था जिनसे ब्रिटिश सरकार भी खौफ खाती थी। अंग्रेजों ने मैडम कामा पर जुल्म किए वे उनकी हिम्मत के आगे हार गए।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (Indian freedom movement) के दौरान कई भारतीयों ने अभूतपूर्व साहस का परिचय दिया था। उन्हीं में से एक हैं गामा पहलवान।
ओके एसआर कुमारस्वामी मुदलियार ने जान देकर तिरंगे की रक्षा की थी। बचपन से ही वे राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रति आकर्षित थे। उनका जन्म इरोड के पास चेन्निमलाई में एक गरीब बुनकर परिवार में हुआ था।