राज्य में दलित समाज कांग्रेस का वोट बैंक रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव आयोग के विधानसभा डाटा को देखें तो पता चलता है कि जिन 25 सीटों पर कांग्रेस एनसीपी के उम्मीदवार बीजेपी शिवसेना के उम्मीदवारों से पीछे रह गए, वहां हार जीत का अंतर वीबीए को मिले वोटों से बहुत कम था।