ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के बाद अब मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। एक हजार से अधिक रेलकर्मी रेल ट्रैक ठीक करने में जुटे हैं।
ओडिशा ट्रेन हादसा (Odisha Train Accident) के बाद कवच को लेकर चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि इसके होने पर हादसा टाला जा सकता था। 'कवच' ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए बनी स्वदेशी प्रणाली है।
ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) की जांच चल रही है। इस बीच कई सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि यह तकनीकी गड़बड़ी या मानवीय त्रुटि थी। इस रूट पर टक्कर रोधी प्रणाली "कवच" क्यों नहीं लगी थी?
सूत्रों की मानें तो कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन (Coromandel Express Train) डिरेल होने के बाद पलटी और कुछ बोगियां पटरी पर बितर-बितर हो गईं। यह बोगियां पहले मालवाहक ट्रेन से टकराईं फिर सुपरफास्ट ट्रेन भी आ गई।
BJP नेता वरूण गांधी ने ओडिशा ट्रेन हादसे के शिकार लोगों के परिजनों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने सांसदों से कहा कि अपनी सैलरी का एक हिस्सा पीड़ित परिवारों को दें।
odisha train accident; ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या ढाई सौ पार हो चुकी है।रेल मंत्री ने अश्वनी वैष्णव ने ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौके पर जायजा लिया है।
ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में मारे गए लोगों के अवशेष घटनास्थल पर बिखरे पड़े हैं। वीडियो रिपोर्ट में जो मंजर दिखाई दिया, वह दिल दहला देने वाला है।
ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) पर दुनियाभर के नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजे गए अपने संदेश में वैश्विक नेताओं ने संवेदनाएं प्रकट की हैं।
ओडिशा ट्रेन हादसा (Odisha Train Accident) इतना भयानक और दिल को दहला देने वाला था कि जिन्होंने वह मंजर देखा है, उनकी आंखों के सामने वहीं दृश्य बार-बार घूम रहा है।
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस हादसे में करीब 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 700 से ज्यादा यात्री गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।