भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। जंतर मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है। धरने वाली जगह पर पहलवानों ने एक पोस्टर भी टांग रखा है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
देश के टॉप रेसलर एक बार फिर जंतर मंतर पर जुट गए हैं। वह बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की मागं कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने विरोध स्थल के पास एक पगडंडी पर रात बिताई।
यूपी के बिजनौर में सीएए-एनआरसी के विरोध के दौरान सरकारी संपत्ति की क्षतिपूर्ति के लिए 60 लोगों से 57 लाख के नुकसान की भरपाई की जाएगी। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के वाहनों में आग लगा दी गई थी। इस दौरान दो युवकों की मौत हो गई थी।
अग्निपथ योजना को लेकर विवाद जारी है। 20 जून यानी आज भारत बंद भी है। छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया। ऐसे में ज्यादा नुकसान ना हो, इस कारण भारतीय रेल मंत्रालय ने 709 ट्रेनों को कैंसल कर दिया है। कहीं भी सफर करने से पहले अपनी ट्रेन का स्टेटस जान लें।
Agnipath Protest देश के हिंदी क्षेत्र के अलावा अब दक्षिण के राज्यों में भी अग्निपथ स्कीम का विरोध शुरू हो चुका है। देश के विभिन्न राज्यों में लाखों की संख्या में युवा प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। युवाओं के गुस्से का शिकार सार्वजनिक संपत्तियां हो रही हैं। कहीं ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया है तो कहीं बस व पुलिस थानों में आग लगा दी गई हैं। स्थितियां बेकाबू होती जा रही हैं।
अग्निपथ स्कीम को लेकर दिल्ली, हरियाणा, बिहार, राजस्थान, यूपी, एमपी और हिमाचाल समेत कई राज्यों में बवाल मचा हुआ है लेकिन हंगामा और विरोध सबसे ज्यादा बिहार में है। यहां तीन दिन से आगजनी, पथराव, तोड़फोड़ चल रहा है। जिसके चलते कई ट्रेनें प्रभावित हैं।
आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट (RRB NTPC Result) के बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए रेल मंत्रालय ने जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि रेलवे की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार जो गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं, उन्हें आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
ये तस्वीर सिंघु बॉर्डर की है, जहां 378 दिनों तक किसान आंदोलन (Farmers protest) के चलते रास्ता बंद रहा। पुलिस ने बड़े-बड़े पत्थर, तार फेंसिंग और दीवारें खड़ी करके आवाजाही रोक दी थी। किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद अब सिंघ बॉर्डर खोला जा रहा है।
किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद दिल्ली की सीमा पर एक साल से डटे किसान घर लौट रहे हैं। बहुत से किसान शुक्रवार को लौट गए। वहीं, बाकी बचे किसान आज विजय रैली के बाद सिंघू बॉर्डर पर आंदोलन स्थल खाली करेंगे।
सरकार की ओर से मिले नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सैद्धांतिक सहमति पहले बन गई थी, लेकिन गुरुवार दोपहर को इस पर लंबी चर्चा के बाद फैसला हुआ। इस मीटिंग में किसान संगठनों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद थे।