अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी(Taliban is back) से पाकिस्तान सबसे अधिक खुश है। यहां के कट्टरपंथी भी हिंसक होते जा रहे हैं। लाहौर किले में लगी महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ दिया गया है।
अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी (Taliban Is Back) के बाद वहां से भारतीय नागरिकों को निकालने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को एयरफोर्स का विमान 150 यात्रियों को लेकर भारत पहुंचा।
तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा के बाद पूरे देश में अफरातफरी मची हुई है। लोग देश छोड़ने को विवश हो रहे हैं। हर ओर अराजकता का माहौल है। उधर, चीन ने तालिबान सरकार को मान्यता देने के संकेत दिए हैं। रूस भी तालिबानी सरकार से हाथ मिला सकता है।
स्पुतनिक न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि सत्ता तब तक हस्तांतरित नहीं की जा सकती जब तक तालिबान अपनी तरफ से राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी के बारे में सूचित नहीं करते।
अफगानिस्तान में जारी संघर्ष (Afghanistan war) के बीच तालिबान ने भारत को लेकर फैलाई जा रहीं कई अफवाहों को खारिज किया है। तालिबान प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के विकास में भारत ने जो सहयोग किया; उसका वो स्वागत करता है।
अफगानिस्तान में Taliban तेजी से कब्जा करता जा रहा है। 34 में से 12 प्रांतों की राजधानियां उसने कब्जा ली हैं। कंधार में भी तालिबान पहुंच चुका है। हालांकि अभी काबुल दूर है।
अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारे( Tahla Sahib) से तालिबान लड़ाकों द्वारा हटाया गया पवित्र निशान यानी झंडा फिर से फहराया दिया गया है।
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान की सख्ती और अत्याचार कम नहीं हुए हैं ना ही उसने कोई समझौता किया है। वह 1996 से 2001 के बीच किए गए अपने क्रूर शासन के तरह से लोगों से व्यवहार कर रहा।
तालिबान शासन ने अंतरिम सरकार में सद्गुण के प्रचार और बुराई की रोकथाम मंत्रालय का गठन किया है। यह मंत्रालय देश में व्यवस्था लागू करने के लिए जिम्मेदार होगा। इस मंत्रालय के जरिए शरिया का कठोर कानून लागू कराया जाएगा।