रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि ओडिशा में ट्रेन हादसा (Odisha Train Accident) सिग्नलिंग में परेशानी के चलते हुआ। हादसे के वक्त कोरोमंडल एक्सप्रेस की रफ्तार 128 km/h और बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस की रफ्तार 126 km/h थी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के मूल वजह का पता चल गया है। इस बात का पता लगा लिया गया है कि हादसा क्यों हुआ।
ओडिशा ट्रेन हादसा (Odisha Train Accident) के बाद कवच को लेकर चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि इसके होने पर हादसा टाला जा सकता था। 'कवच' ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए बनी स्वदेशी प्रणाली है।
ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) की जांच चल रही है। इस बीच कई सवाल उठ रहे हैं। पूछा जा रहा है कि यह तकनीकी गड़बड़ी या मानवीय त्रुटि थी। इस रूट पर टक्कर रोधी प्रणाली "कवच" क्यों नहीं लगी थी?
सूत्रों की मानें तो कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन (Coromandel Express Train) डिरेल होने के बाद पलटी और कुछ बोगियां पटरी पर बितर-बितर हो गईं। यह बोगियां पहले मालवाहक ट्रेन से टकराईं फिर सुपरफास्ट ट्रेन भी आ गई।
BJP नेता वरूण गांधी ने ओडिशा ट्रेन हादसे के शिकार लोगों के परिजनों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने सांसदों से कहा कि अपनी सैलरी का एक हिस्सा पीड़ित परिवारों को दें।
odisha train accident; ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या ढाई सौ पार हो चुकी है।रेल मंत्री ने अश्वनी वैष्णव ने ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौके पर जायजा लिया है।
ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम करीब सात बजे बेहद भीषण रेल हादसा हुआ। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर हुई है।
ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में मारे गए लोगों के अवशेष घटनास्थल पर बिखरे पड़े हैं। वीडियो रिपोर्ट में जो मंजर दिखाई दिया, वह दिल दहला देने वाला है।
ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) पर दुनियाभर के नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजे गए अपने संदेश में वैश्विक नेताओं ने संवेदनाएं प्रकट की हैं।