महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार का आज कैबिनेट का विस्तार हो रहा है। सबसे पहले एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। वे दो महीने में दूसरी बार डिप्टी सीएम बने हैं।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 30 दिसंबर को किया जा सकता है। जिसमें कयास लगाया जा रहा कि एनसीपी के नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार को फिर से डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार के अचानक भाजपा के साथ जाकर सरकार बनाने से लेकर शिवसेना से गठबंधन तक तमाम सवालों पर अपनी राय रखी। शरद पवार ने बताया, कांग्रेस से चल रही लंबी बातचीत से नाराज होकर अजित पवार ने भाजपा के साथ जाने का कदम उठाया था।
आज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान उद्धव ठाकरे के साथ तीनों ही पार्टियों के दो-दो नेता शपथ लेंगे। उद्धव सरकार की कैबिनेट में अनुभवी नेताओं को शपथ दिलाई जाएगी।
उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अजित पवार बुधवार को पहली बार मीडिया से बात की। जिसमें उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में था और हूं। क्या आपके पास मुझे पार्टी से निकालने की लिखित जानकारी है? मैं पार्टी में था और हूं।
मीडिया में दावा किया जा रहा है कि अजित पवार के सिंचाई घोटाले से जुड़ी सभी फाइलें बंद कर दी गई हैं और उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। बड़े-बड़े न्यूज चैनल इस खबर को चलाते नजर आए लेकिन माजरा कुछ ओर ही निकला।
महाराष्ट्र में अजित पवार के इस्तीफे के बाद राज्य की राजनीति ने एक बार फिर पलटी मारी है। इसके चलते देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और भाजपा की सरकार तीन दिन में गिर गई।
महाराष्ट्र में बुधवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले ही अजित पवार ने हार मान ली। उन्होंने मंगलवार को डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार ने 23 नवंबर को सुबह 8 बजे डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी।
महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले मंगलवार को एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ। अजित पवार के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह से भाजपा की सरकार 80 घंटे के भीतर ही गिर गई।
बीजेपी के तमाम रणनीतिकार और चाणक्य इस वक्त अपना माथा पीट रहे होंगे। आइए जानते हैं अजित पवार के चक्कर में बीजेपी ने वो पांच बड़ी गलतियां क्या कीं, जिसकी भरपाई असंभव है।