Ayodhya Ram Mandir: 500 साल पहले अयोध्या के सूर्यवंशी ठाकुरों ने शपथ ली थी कि वे राम जन्मभूमि की मुक्ति तक पगड़ी नहीं पहनेंगे, चमड़े के जूते नहीं पहनेंगे या छाते का उपयोग नहीं करेंगे। जानिए सूर्यवंशी ठाकूर कौन थे।
विधिविधान के साथ रामलला के विग्रह को उनके आसन पर विराजित किया गया। पूरे मंत्रोच्चार के बीच रामलला की प्रतिमा गर्भगृह में आसीन कराई गई।
सद्गुरु ने कहा किा देश में राम का अनुष्ठान हो रहा है। समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल होना चाहिए। यही रामराज्य है।
केरल के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर की तरफ से अयोध्या राम मंदिर को ओनाविलू गिफ्ट किया जाएगा। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है।
22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जा रही है। अब राम मंदिर और राम नगरी में एंटी-टेररिस्ट कमांडोज को भी तैनात किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में केरल की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। वह इस सप्ताह के अंत में भव्य अभिषेक (प्राण प्रतिष्ठा) समारोह के लिए अयोध्या जाएंगे।
राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में बुधवार को रामलला की प्रतीकात्मक मूर्ति के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। चांदी की मूर्ति को डोली में रखा गया। डोली को पीले और लाल गेंदे के फूलों और गुलाब के फूलों से सजाया गया।
कलश यात्रा राम मंदिर पहुंची गई है। अब मंदिर में राम लला की मू्र्ति की स्थापना होगी। राम लला की नई मूर्ति अधिक भारी होने के चलते 10 किलो की चांदी की मूर्ति घुमाई गई।
पीएम मोदी राम मंदिर उद्घाटन के साथ ही जटायु की प्रतिमा की भी पूजा करेंगे। सीता को बचाने के प्रयास में जटायु ने अपना बलिदान दिया था। जटायु की मूर्ति को राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में बनाया गया है।
अयोध्या में 22 जनवरी को एक विशेष मुहूर्त में विधिवत रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। 500 साल में अयोध्या ने सांप्रदायिक संघर्ष से लेकर हिंदू-मुस्लिम एकता तक बहुत कुछ देखा है। जानते हैं अयोध्या में राम मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास।