रत्नागिरी जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग अब चूना लगाव आयोग बन चुका है लेकिन मैं अपने पिता स्वर्गीय बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को उनको कभी छीनने नहीं दूंगा।
शिवसेना का नाम और सिंबल, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। इसको लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने ऐतराज जताया है।
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को दिए जाने को लेकर सोमवार को कहा कि रावण राम का धनुष नहीं रख सकता। मेरा चुनाव चिह्न चुरा सकते हैं ठाकरे नाम नहीं।
शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को दिए जाने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है।
चुनाव आयोग के फैसले से ठाकरे परिवार को जबर्दस्त झटका लगा था। शिवसेना का गठन बाला साहेब ठाकरे ने 1966 में किया था।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव ठाकरे को सलाह दी है कि चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करें और नया चुनाव चिह्न लें। उन्होंने कहा कि चिह्न बदलने से फर्क नहीं पड़ेगा।
एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना की पहचान मिली है। अब शिंदे गुट को तीर-कमान सिंबल भी मिल जाएगा।
शिवसेना (ठाकरे समूह) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और वंचित बहुजन आघाडी प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा की है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मराठी भाषी लोग पीढ़ियों से सीमावर्ती गांवों में रह रहे हैं। उनका दैनिक जीवन, भाषा और जीवन शैली मराठी है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे, मोदी के आशीर्वाद से बाला साहेब ठाकरे और शिवसेना के नाम को पाना चाहते हैं लेकिन हम अपने कॉडर के बल पर फिर सत्ता में आएंगे। महाराष्ट्र ही नहीं पूरा देश जानता है कि असली शिवसेना कौन है।