Vinayaki Chaturthi 2022: भगवान श्रीगणेश को प्रथम पूज्य भी कहा जाता है यानी हर शुभ काम से पहले इनकी ही पूजा की जाती है। मान्यता है कि श्रीगणेश की पूजा से हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Sharad Purnima 2022: इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व 9 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन से जुड़ी कई मान्यताएं हैं जैसे शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है और देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर घूमने आती हैं आदि।
Shraddh Paksha 2022: श्राद्ध पक्ष की द्वादशी तिथि को संन्यासी श्राद्ध करने की परंपरा है यानी यदि किसी पूर्वज ने संन्यास लिया हो और उसकी मृत्यु तिथि पता न हो तो उसका श्राद्ध पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर करना चाहिए।
5 अगस्त को श्रावण शुक्ल अष्टमी तिथि है। शुक्रवार को पहले स्वाती नक्षत्र होने से गद और उसके बाद विशाखा नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
आज (13 मई, शुक्रवार) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि शाम 5.29 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इसी दिन प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh 2022) किया जाएगा। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
हिंदू धर्म में भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए कई व्रत किए जाते हैं। विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) भी इनमें से एक है। ये व्रत प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस बार ये व्रत 4 मई, बुधवार को है।
ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। इस बार 22 दिसंबर, बुधवार को साल का अंतिम पुष्य योग का संयोग बन रहा है। बुधवार और पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से ये बुध पुष्य कहलाएगा। इस दिन संकष्ठी चतुर्थी का व्रत भी किया जाएगा।
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2021) की षष्ठी तिथि (इस बार 11 अक्टूबर, सोमवार) की प्रमुख देवी मां कात्यायनी हैं। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था।
जेनिफर ने इस संबंध में अपनी राय भी दी है, उन्होंने कहा कि "दिमाग पर तेजी से बदलते फिजिकल मूवमेंट के प्रभाव बहुत ज्यादा होते हैं, ये अच्छा इम्पेक्ट भी छोड़ते हैं। , Move the Body, Heal the Mind किताब में इस विषय को बहुत शानदार तरीके से समझाया गया है।
इस बार 2 जनवरी, रविवार को पौष मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा जो शाम 4.37 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। रविवार को पहले मूल नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पू्र्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से शुभ नाम के योग बन रहे हैं।