Devshayani Ekadashi 2023: आषाढ़ मास की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। साल में आने वाली 24 में से इस एकादशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए विश्राम करने पाताल लोक में जाते हैं।
Yogini Ekadashi 2023 Puja Vidhi: आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहते है। इस बार ये व्रत 14 जून, बुधवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिससे इस तिथि का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक चुनाव के बाद अब राजस्थान मिशन 2023 शुरू कर दिया है। इसलिए वह लगातार राजस्थान का दौरा कर रहे हैं। आज उनकी अजमेर में उनकी बड़ी रैली है।
Nirjala Ekadashi 2023: इस बार निर्जला एकादशी व्रत 31 मई, बुधवार को है। धर्म ग्रंथों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस बार निर्जला एकादशी पर कई शुभ योग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Aaj Ka Panchang: 31 मई, बुधवार को चित्रा नक्षत्र होने से कालदंड नाम का अशुभ योग बनेगा। इस दिन व्यातीपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:24 से 2:04 तक रहेगा।
Nirjala Ekadashi Par Kya Na Kare:ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी भी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 31 मई, बुधवार को है। शुभ फल पाने के लिए इस दिन कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
15 मई ,सोमवार को पहले पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग और इसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा विषकुंभ और प्रीति नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे। राहुकाल सुबह 7:28 से 9:06 तक रहेगा।
Achala Ekadashi 2023: इस बार ज्येष्ठ मास की अचला एकादशी का व्रत 15 मई, सोमवार को किया जाएगा। इसे अपरा एकादशी भी कहते हैं। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये व्रत और भी खास हो गया है।
Nirjala Ekadashi 2023 Date: इस बार निर्जला एकादशी का व्रत मई 2023 में किया जाएगा। इसे साल की सबसे बड़ी एकादशी कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी का वर्णन कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
Achala Ekadashi 2023: ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी कहते हैं। कुछ धर्म ग्रंथों में इसे अपरा एकादशी भी कहा गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।