Aaj Ka Panchang: 29 जुलाई, शनिवार को ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:16 से 10:54 तक रहेगा।
Padmini Ekadashi 2023: 29 जुलाई, शनिवार को सावन अधिमास की एकादशी का व्रत किया जाएगा। इसे पद्ममिनी और कमला एकादशी कहा जाता है। ये एकादशी 3 साल में एक बार आती है, इसलिए इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों मे बताया गया है।
Padmini Ekadashi Katha: 29 जुलाई, शनिवार को अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे कमला और पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। अधिक मास 3 साल में एक बार आता है, इसलिए इस एकादशी का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
Kamla Ekadashi 2023: इन दिनों सावन का अधिक मास चल रहा है। वैसे तो अधिक मास हर तीसरे साल आता है लेकिन सावन का अधिक साल 2004 के बाद अब आया है यानी 19 साल बाद। अधिक मास की एकादशी को बहुत ही शुभ फल देने वाला माना गया है।
Kamika Ekadashi Vrat Katha: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। ये व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों को किया जाता है। इस तरह साल में 24 एकादशी व्रत किया जाते हैं। इस बार कामिका एकादशी का व्रत 13 जुलाई, गुरुवार को किया जाएगा।
Aaj Ka Panchang: 13 जुलाई, गुरुवार को कृत्तिका नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे लुंबक नाम का अशुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन शूल और गण्ड नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 02:12 से 03:52 तक रहेगा।
29 जून, गुरुवार को स्वाती नक्षत्र शाम 04.30 तक रहेगा, इसके बाद विशाखा नक्षत्र रहेगा। गुरुवार को पहले स्वाती नक्षत्र होने से सुस्थिर और विशाखा नक्षत्र होने से वर्धमान नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे।
Devshayani Ekadashi 2023: इस बार देवशयनी एकादशी 29 जून, गुरुवार को है। गुरुवार को एकादशी तिथि होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे। इसे हरिशयनी एकादशी भी कहते हैं। इसी दिन से चातुर्मास का आरंभ भी माना जाता है।
Devshayani Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक साल में कुल 24 एकादशी होती है। इन सभी का नाम और महत्व अलग-अलग है। इनमें से आषाढ़ मास की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
Aaj Ka Panchang: 14 जून, बुधवार को पहले अश्विनी नक्षत्र होने से मृत्यु और इसके बाद भरणी नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। इनके अलावा अतिगण्ड और सुकर्मा नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:27 से 2:07 तक रहेगी।