ग्रामीणों ने गांव के देवनारायण मंदिर पर भगवान से मन्नत मांगी थी कि अगर कोरोना की दोनों लहरों में हमारे गांव में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई तो गांव के हर घर से एक व्यक्ति अपना मुंडन कराएगा। बस इसी मन्नत को पूरा करने के लिए उन्होंने वर्ष के अंतिम दिन 31 दिसंबर को सभी ने सामूहिक रूप से अपना मुंडन करवाया।
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पैक्सलोविड को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। इस टैबलेट का इस्तेमाल कोरोना के इलाज में होगा। 12 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना के इलाज के दौरान यह टैबलेट दिया जा सकेगा।
यह मामला जोधपुर जिले का है। जहां पर एक बुजुर्ग का 9 माह पहले ही निधन हो चुका था। लेकिन उसके मोबाइल पर दूसरी डोज के सफल वैक्सीनेशन का मैसेज आया। मृत बुजुर्ग के परिजनों जब यह मैसेज देखा तो वह हैरान रह गए।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस MLC दीपक सिंह द्वारा पूछे गए एक सवाल पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं है।
मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, बाड़मेर के सिवाना निवासी एक शख्स की कोरोना से मौत हो गई। कोरोना से दिसंबर के महीने में ये चौथी मौत हुई है। बाड़मेर के सीएमएचओ बीएल विश्नोई ने बताया कि कोरोना से जिस शख्स की जान गई है, वो जोधपुर में मजदूरी करता था।
राजस्थान में दो मरीजों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई है। राजसमंद के सीएमएचओ डॉ. प्रकाश शर्मा ने बताया कि चुरू जिले में रविवार रात ही एक रेजीडेंट डॉक्टर की मौत हुई है और दूसरी 80 साल की बुजुर्ग महिला की मौत का मामला सामने आया है। बुजुर्ग महिला काफी समय से बीमार थीं। डॉक्टरों ने रविवार को महिला की जांच करवाई तो रिपोर्ट पॉजिटिव मिली और अगले दिन सोमवार सुबह ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
इंदौर (Indore) में वैक्सीन (Vaccine) के दोनों डोज लेने के बाद भी एक बुजुर्ग की कोरोना (coronavirus) से मौत हो गई। मामला एरोड्रम रोड का है। बुजुर्ग कोरोना, डायबिटीज समेत अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे। इसकी वजह से उनके शरीर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका। इंदौर में साढ़े चार महीने के लम्बे अंतराल के बाद इस महामारी से किसी मरीज ने दम तोड़ा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति की पहले से टेस्टिंग नहीं की गई थी। इबोला से मरने वाला बच्चा उत्तरी किवु के पूर्वी शहर बेनी के पास बुत्सिली का रहने वाला था।
दस दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट इस मसले को लेकर बेहद सख्त होकर केंद्र सरकार को आदेश दिया था।
पंजाब एकमात्र राज्य था जिसने केंद्र को ऑक्सीजन की कमी के कारण संदिग्ध मौतों के बारे में सूचित किया है।