मानहानि मामले में शिकायतकर्ता आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे (Rajesh Kunte) के वकील एडवोकेट प्रबोध जयवंत ने अदालत में कहा कि चूंकि उनके मुवक्किल निजी कारणों से शहर से बाहर हैं, इसलिए मुकदमे को स्थगित किया जाए।
हालांकि, कोर्ट ने हनी को थोड़ी राहत दी है। वह रोज 2 घंटे अपने परिजन से मिल सकेंगे। कोर्ट ने सुनवाई के बाद हनी का 4 दिन का रिमांड दे दिया। हनी को गुरुवार को ED ने जालंधर में पूछताछ के लिए बुलाया था, जहां उससे करीब 8 घंटे की पूछताछ की गई।
Road rage case : 27 दिसंबर 1988 को नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पटियाला में कहीं गए थे। इस दौरान कार पार्किंग को लेकर उनकी गुरनाम सिंह नाम के बुजुर्ग से विवाद हो गया। हाथापाई में गुरनाम की मौत हो गई। इसी मामले को लेकर सिद्धू और उनके दोस्त पर धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया गया था।
Delhi Riots 2022 : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने बुधवार को विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद द्वारा पेश की गई फोटोज के स्क्रीनशॉट शेयर करने वाले एक न्यूज प्लेटफॉर्म पर आपत्ति जताई। इस पर कोर्ट ने मीडिया को स्क्रीनशॉट शेयर नहीं करने के निर्देश दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस महीने शारीरिक रूप से आयोजित होने वाली ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) परीक्षा को स्थगित करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह नीतिगत मामला है और इस पर अधिकारियों को फैसला करना होगा।
यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए रामपुर के नौ बार विधायक रहे आजम खां ने कोर्ट का दरवाजा दुबारा खटखटाया है। इस बार उन्होंने चुनाव प्रचार में जमानत मिलनी चाहिए की मांग करी थी, लेकिन किसी कारणवश जस्टिस नागेश्वर राव के न आने पर उनकी सुनवाई टल गई है।
1988 में रोड पर वाहन टकराने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का एक बुजुर्ग से विवाद हो गया था। इसमें गुरनाम सिंह नाम के व्क्यति की मौत हो गई थी। ्अब लगभग 30 साल पुराने एक रोड रेज मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा।
Delhi riots conspiracy : दिल्ली दंगों में उमर खालिद की भूमिका और साजिश की परतें खोलने के लिए बुधवार को वरिष्ठ वकील अमित प्रसाद ने कड़कड़डूमा कोर्ट में कई वॉट्सऐप चैट, गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज पेश किए। इनमें साफ दिख रहा है कि उमर खालिद ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के नाम पर दंगे भड़काने की सुनियोजित साजिश रची।
Pm Security breach : प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद से अब तक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस 6 बार सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को फोन कॉल्स कर धमकी दे चुके हैं। से चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के वकील किसानों और पंजाब के सिखों के खिलाफ दर्ज मुकदमों में सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की मदद नहीं करे। इस मामले में दिल्ली पुलिस UAPA के तहत एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार हिंदुस्तानी भाऊ के वकील अदालत के सामने एक हलफनामा दायर किया। जिसमें अपना पक्ष रखते हुए कहा- हम कोर्ट से बिना शर्त के माफी मांगते हैं, हमामा मकसद किसी तरह से दंगे फैलाना नहीं था। हम तो सिर्फ छात्रों का समर्थन करना चाहते थे। लेकिन इसका गलत इस्तेमाल किया गया है।