कोरोना से बचाव के लिए अमेरिकी कंपनी फाइजर द्वारा बनाए गए mRNA टीका के ट्रायल में शामिल 40 फीसदी महिलाओं का गर्भपात हो गया था। कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी द्वारा जारी दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है।
बिहार के सीवान जिले से डॉक्टरों की लापरवाही की हद पार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां दर्द से कराहती गर्भवती महिला की गर्दन पकड़कर उसे अस्पताल से बाहर निकाल दिया। चीखती-चिल्लाती महिला ने आखिर में बीच सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया।
दुनिया भर में अलग-अलग संस्कृति के लोग रहते हैं। जिनका रहन-सहन सब अलग होता है। यहां तक कि इनके रिश्तों की परिभाषा भी अलग होती है। साउथ अफ्रीका में एक ऐसा गांव हैं जहां महिलाओं की शादी नहीं होती, फिर भी वो प्रेग्नेंट हो जाती है।
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो के एक अस्पताल में डाक्टर ही हैवान बन गया। पहले उसने प्रेगनेंट महिला के साथ जबरन रेप किया फिर उसी दो अन्य महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की। स्थानीय पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तराखंड के टिहरी जिले से सरकार के दावों की पोल खोलने वाली खबर सामने आई है। जहां एक 9 माह की गर्भवती महिला बारिश के दिनों में दर्द सहते हुए पूरी रात घने जंगलों में पदैल चल अस्पताल पहुंची। क्योंकि अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है। जिससे बारिश के दिनों में वाहन आ जा सकें।
एक कपल के पहले से 6 बच्चे हैं। अब महिला एक बार फिर प्रेग्नेंट है। जब वह शुरुआती जांच के लिए अस्पताल पहुंची, तो डॉक्टरों ने उसे जो बताया उससे उसके होश उड़ गए। महिला के गर्भ में इस बार 13 भ्रूण हैं।
अयोध्या के श्रीराम पुरम कालोनी स्थित दिनदहाड़े घर में घुसकर एक गर्भवती शिक्षक को मौत के घाट उतार दिया गया है। हादसे के दौरान शिक्षक घर में अकेली थी। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
रूपए न देने पर रेफर का पर्चा थमा दिया गया। यही नहीं, रक्त देने के नाम पर अस्पताल में घूमते बिचौलियों ने भी 20 हजार रुपये की मांग की। अस्पताल से निकाली गई गर्भवती प्राइवेट बस स्टैंड के निकट जमीन पर पड़ी तड़पती रही। पचपेड़वा के नेतहवा गांव निवासी शब्बीर ने बताया कि उसकी पत्नी शाहिबा को चार माह का गर्भ था।
जैसे ही किसी महिला को पता चलता है कि वो मां बनने वाली है तो उसकी खुशी को ठिकाना नहीं रहता और वो अपने आने वाले बच्चे के बारे में सोचने लगती है। ऐसी स्थिति में महिलाएं सबसे पहले यही सोचती हैं तो उसकी होने वाली संतान हेल्दी और संस्कारवान हो जो भविष्य में उनके परिवार का नाम रौशन करें।
खगोल शास्त्रियों के अनुसार, समय-समय पर चंद्र व सूर्य ग्रहण जैसी घटनाएं होती रहती हैं। एस्ट्रोनॉमी में इस प्रकार की घटनाएं होना आम बात है। इस बार 16 मई, सोमवार को साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra grahan 2022) होने जा रहा है।