लाल किताब के अनुसार हर घर पर किसी न किसी ग्रह का प्रभाव होता है। उसी के अनुसार उस घर में रहने वाले लोगों को शुभ-अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, हथेली पर स्थित गुरु पर्वत से व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता और भाग्य संबंधी बातें मालूम की जा सकती हैं।
फिल्म जगत की चकाचौंध लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन यहां के टफ वर्क शेड्यूल से भी लोग बखूबी परिचित हैं। एक्टर्स को डायट से लेकर ट्रैवलिंग तक सभी का ध्यान रखना पड़ता है। इतना ही नहीं उन्हें अपनी फिटनेस भी बरकरार रखनी होती है।
इस बार 28 जनवरी, गुरुवार को पौष पूर्णिमा और गुरु पुष्य का शुभ योग बन रहा है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है और गुरुवार के साथ इसका संयोग बहुत ही खास माना जाता है।
14 जनवरी से सूर्य के मकर राशि में आते ही खरमास खत्म हो जाएगा, लेकिन हर साल की तरह इस बार मांगलिक कार्यों की शुरूआत नहीं हो पाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार इसका कारण गुरु का अस्त होना रहेगा।
ग्रहों के दोष दूर करने और शुभ फल पाने के लिए अलग-अलग रत्न पहने जाते हैं। हर ग्रह का एक अलग रत्न होता है। गुरु से संबंधित शुभ फल पाने के लिए पुखराज पहना जाता है।
बृहस्पति को सौर मंडल का मंत्री और देवताओं का गुरु कहा जाता है। ये ग्रह हर व्यक्ति के जीवन पर व्यापक असर डालता है। जानिए गुरु जब शुभ या अशुभ होता है तो हमारे जीवन पर क्या असर डालता है।
ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ योग बताए गए हैं। ऐसा ही एक शुभ योग है गजकेसरी। जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग होता है उसे उसे धन-सम्पदा, स्त्री सुख, सन्तान सुख, घर, वाहन, पद-प्रतिष्ठा, सेवक सभी प्राप्त होते हैं।
सूर्य और गुरु जिस व्यक्ति की कुंडली में होते हैं वह बहुत ही भाग्यशाली होता है क्योंकि ज्योतिष में सूर्य तेज व राज्य पक्ष का कारक है और गुरु ज्ञान व विद्या का कारक है।
इस बार 31 दिसंबर, गुरुवार से पौष महीना शुरू हो रहा है। ये हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक इस बार पौष महीने की शुरुआत और अंत गुरु पुष्य के योग में हो रहा है।