उद्योगपति अमित भंडारी ने आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय के पास अपनी कंपनी के प्रतिनिधियों भेजकर 75 लाख रुपए दान किए। जिसक बाद कंपनी के दो प्रतिनिधि कलेक्टर मनीष सिंह से मिले और ऑक्सीजन प्लांट के संबंध में बात की। फिर प्लांट लगने की सारी औपचाकिताएं पूरी करवाईं गईं। बता दें कि भंडारी और श्रोत्रिय बचपन के दोस्त हैं।
संकट के वक्त उम्मीद की किरण जगाने का काम करने वाले किसान चंपालाल गुर्जर हैं। जो कि मूलरूप से नीमच जिले की जीरन तहसील के छोटे से गांव ग्वाल देवियां का रहने वाले हैं। उन्होंने महामारी से निपटने के लिए जिले के डीएम मयंक अग्रवाल को 2 लाख रुपए का चेक सौंपा है। (प्रतीकात्मक फोटो)
जगदीश मिस्त्री के सिलेंडर दान करने के बाद मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने उनकी तारीफ की है। उन्होंने कहा कि संकट के समय जिस तरह से जगदीश मदद के लिए सामने आए हैं यह समाज के लिए एक प्ररेणा है। हम उनका सम्मान करेंगे।
14 अप्रैल, बुधवार को सूर्य राशि बदलकर मीन से मेष में प्रवेश करेगा। इसे मेष संक्रांति कहते हैं। ज्योतिष ग्रंथों में इसे विषुव संक्रांति भी कहते हैं।
मंदिर के महंत पांचम पुरी के मुताबिक लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर मंदिर में बच्चा चढ़ाते हैं। कुछ महीने पूर्व भी मंदिर में एक बच्चा ऐसे ही एक परिवार ने दान किया था, जिसका नाम पूनम पुरी रखा गया है।
फाल्गुन महीने की पूर्णिमा (इस बार 28 मार्च, रविवार) को बहुत ही खास माना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से कई गुना पुण्य मिलता है और हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।
इस बार 14 मार्च से खर मास शुरू हो चुका है, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने के स्वामी भगवान पुरुषोत्तम यानी विष्णु है, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।
मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने बताया कि अब तक 2100 करोड़ निधि का समर्पण होने का अनुमान है। बहुत से डिपाजिटर का धनराशि बैंकों में जमा होने की पाइप लाइन में हैं। सही लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है जिसमें थोड़ा समय लगेगा।
इस बार 27 फरवरी, शनिवार को माघ मास की पूर्णिमा है। इसे माघी पूर्णिमा कहा जाता है। इसके अगले दिन यानी 28 फरवरी से फाल्गुन माह शुरू हो जाएगा।
आचार्य बृहस्पति देवताओं के गुरु माने जाते हैं। बृहस्पति स्मृति में 3 ऐसे दानों के बारे में बताया गया है, जिन्हें महादान कहा जाता है। इन 3 चीजों का दान करने से मनुष्य के सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।