सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज की थी। आरोप लगा कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने आईएनएक्स मीडिया को 2007 में वित्त मंत्री के तौर पर पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान विदेश से 305 करोड़ रुपए फंड देने के लिए क्लियरेंस देने में अनियमितता की थी।