भगवान गणेश को बुद्धि का देवता कहा जाता है, इसीलिए श्रीगणेश की पूजा भी सबसे पहले ही की जाती है। गणपति बप्पा को लाइफ मैनेजमेंट गुरू भी कहा जाता है। उनके स्वरूप में अध्यात्म और जीवन के गहरे रहस्य छुपे हैं। जिनसे हम लाइफ मैनेजमेंट के गुर सीख सकते हैं।
आंध्र प्रदेश में 2 लाख चूड़ियों से बनाई भगवान गणेश की 30 फीट ऊंची प्रतिमा, देशभर में देखी जा रही गणेशसोत्सव की धूम।
भगवान गणेश के सिर कटने को लेकर भी कई कहानियां हैं। कोई कहता है कि गणेश का सिर भगवान शंकर ने काटा था कोई कुछ और। आइए जानते हैं ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार कैसे कटा था गणेश का सिर....
इस बार 2 से 12 सितंबर तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। इन 10 दिनों में श्रीगणेश के प्रमुख मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।
गणेश उत्सव प्रारंभ हो चुका है, जो 2 सितंबर से 12 सितंबर तक चलेगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश का जन्म हुआ था। इसीलिए इस चतुर्थी को विनायक चतुर्थी, सिद्धिविनायक चतुर्थी और श्रीगणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
रुद्राक्ष भगवान शंकर के स्वरूप से जुड़ा है। भगवान शंकर के उपासक इन्हें माला के रूप में पहनते हैं।
श्रीगणेश अंक भगवान गणेश से जुड़ा एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें भगवान गणेश के जीवन की सभी घटनाओं और उनसे जुड़े उपायों का विवरण है।
श्रीगणेश भगवान शिव व पार्वती के पुत्र हैं, ये बात हम सभी जानते हैं, लेकिन श्रीगणेश के संपूर्ण परिवार के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बहुला चतुर्थी व बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है। वर्ष की प्रमुख चार चतुर्थी में से एक यह भी है।