हिंदू धर्म में पेड़ों को पूजनीय माना गया है। बरगद का पेड़ भी इन्हीं में से एक है। धर्म ग्रंथों के अनुसार बरगद में देवताओं का वास माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार सप्ताह का हर दिन किसी विशेष देवता व ग्रह से संबंधित होता है। उसी प्रकार मंगलवार का ग्रह मंगल और स्वामी हनुमानजी हैं। गल से संबंधित शुभ फल पाने के लिए कुछ विशेष उपाय प्रत्येक मंगलवार को करने चाहिए।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ स्थान पर होता है, वे बहुत गुस्सैल होता हैं। छोटी-छोटी बातों पर किसी से भी विवाद करना इनकी आदत होती है। साथ ही इन्हें भूमि, मकान आदि संपत्ति का सुख भी नहीं मिल पाता।
इस बार 5 मई को मंगल प्रदोष का योग बन रहा है। प्रदोष तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए उपयुक्त है और मंगलवार हनुमानजी की उपासना के लिए। हनुमानजी, शिवजी के ही अवतार माने गए हैं। इसलिए 5 मई को बन रहा मंगल प्रदोष का योग बहुत ही शुभ है।
प्रत्येक महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार 5 मई, मंगलवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।
निर्भया के दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी होनी है। उससे पहले मौत से बचने के लिए तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) पहुंच गए हैं। उन्होंने फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है।
इस बार 28 जनवरी, मंगलवार को अंगारक चतुर्थी का योग बन रहा है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
कुंडली में ग्रहों से संबंधित दोष होते हैं तो व्यक्ति के वर्चस्व में कमी आती है। ग्रहों के सहयोग के बिना व्यक्ति सम्मान प्राप्त नहीं कर सकता है।
इस बार 29 मार्च, मंगलवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होने से इस दिन प्रदोष व्रत किया जाएगा। ये तिथि मंगलवार को होने से ये मंगल प्रदोष (Mangal Pradosh 2022) कहलाएगा। धर्म ग्रंथों में इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
9 अगस्त को श्रावण शुक्ल द्वादशी तिथि शाम 05.46 तक रहेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाएगी। मंगलवार को पहले मूल नक्षत्र होने से छत्र और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ योग रहेंगे।