महागठबंधन ने सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा लगभग फिक्स कर लिया है। हालांकि मांझी के आने के बाद एनडीए में शेयरिंग के फॉर्मूले पर विवाद काफी बढ़ता नजर आ रहा है। अब बीजेपी नेता भी खुलकर मांझी का विरोध करने लगे हैं।
तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार अब एक ही गठबंधन में हैं तो दोनों बिहार में चर्चा का विषय बन चुके हैं। क्या दोनों एक साथ मंच साझा करेंगे? साझा करेंगे तो कन्हैया के रुतबे के आगे तेजस्वी की हैसियत क्या होगी?
आज बिहार चुनाव के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राज्य के सभी सांसदों से दिल्ली में अहम मुलाकात करने जा रहे हैं। इस मीटिंग में सांसदों की भूमिका तय होने की संभावना है।
2015 में महागठबंधन ने चुनाव में बहुमत हासिल कर सरकार भी बना ली थी। मगर बाद में अनबन के बाद नीतीश कुमार पाला बदलकर एनडीए खेमे में चले गए, और उनके नेतृत्व में एनडीए की सरकार भी बन गई।
माना जा रहा है कि आज हुई हम की कोर कमेटी बैठक में महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया गया है। हालांकि, अभी तय नहीं हुआ है कि जीतनराम मांझी की पार्टी जेडीयू से हाथ मिलाएगी या नहीं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेडीयू और मांझी के बीच डील हो चुकी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अवैसी के इस कदम ने महागठबंधन के लिए चिंताएं बढ़ा दिया है
आरजेडी ने ढाई साल पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 2020 विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे। ऐसे में महागठबंधन के अन्य घटक दलों में तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं मानने को लेकर जो स्थिति पैदा हुई है वह महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है।
हम पार्टी के जीतन राम मांझी, रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने बंद कमरे में बैठक की। बैठक में बिहार आ रहे प्रवासी मजदूरों की वापसी को राजनीतिक मुद्दा बनाने पर विचार किया गया।
अक्टूबर-नवंबर 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में विपक्षी पार्टियों के बीच कांग्रेस की एक घोषणा के बाद खलबली मच गई है। पटना में कांग्रेस कमेटी की हुई बैठक में नेता बिहार प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर ने घोषणा की है कि बिहार में सीएम पद का ऐलान सोनिया गांधी करेंगी।
शुक्रवार को चुनाव के मुद्दे पर राजधानी पटना में महागठबंधन के तीन दलों की बैठक हुई। जिसमें शामिल नेताओं ने तेजस्वी यादव को अपना नेता और आगामी चुनाव में महागठबंधन से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार मानने से इंकार किया।