महाभारत में कई ऐसे पात्र हैं, जिनके बारे में काफी कुछ लिखा और पढ़ा गया है। लेकिन कुछ पात्र ऐसे भी है, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसे ही दो पात्र हैं भीष्म के भाई चित्रांगद और विचित्रवीर्य।
महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद गांधारी ने क्रोधित होकर श्रीकृष्ण को श्राप दिया था कि आज से 36 साल बाद तुम भी अपने परिजनों व कुटुंबियों के साथ मारे जाओगे।
महाभारत के अनुसार, भरतवंश में राजा कुरु ने जिस भूमि को बार-बार जोता, वह स्थान कुरुक्षेत्र कहलाया।
महाभारत हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ है। इस ग्रंथ में अनेक स्थानों का वर्णन भी मिलता है।
महाभारत में सभी मनुष्यों की उम्र 100 साल बताई गई है, लेकिन फिर भी लोग कम उम्र में ही मर जाते हैं।
महाभारत हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। इसे पांचवां वेद भी कहा जाता है। महाभारत की कथा में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कई पात्र जुड़े हुए थे। हर किसी का अपना अलग ही महत्व था।
महाभारत के अनुशासन पर्व के अनुसार पितामह भीष्म जब बाणों की शय्या पर लेटे थे, तब उनसे मिलने सभी पांडव पहुंचे थे।
आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ रामायण और महाभारत की झलकियां भी देख सकेंगे। इसके लिए अयोध्या शोध संस्थान और यूपी ललित कला अकादमी ने बड़ी मेहनत की है। बता दें कि 24 जनवरी 1950 को ही उत्तर प्रदेश अस्तित्व में आया था। इससे पहले ब्रतानिया हुकूमत में इसका नाम अवध प्रांत था।
इस बार 18 जनवरी, शनिवार को भीष्म पितामह की जयंती है। इस मौके पर हम आपको महाभारत से जुड़ी कुछ रोचक बातें बता रहे हैं।
महाभारत के प्रमुख पात्रों में से कर्ण भी एक है। कर्ण दुर्योधन का परम मित्र था। दुर्योधन ने कर्ण के भरोसे ही पांडवों से युद्ध करने का निर्णय लिया था।