रानगरी अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर निधि समर्पण अभियान की रिपोर्ट तैयार हो गई है। इस अभियान के जरिए 90 प्रतिशत जिलों में ऑडिट हो गया है। राममंदिर निर्माण के लिए 15 जनवरी मकर संक्रांति से 27 फरवरी संत रविदास जयंती 2021 तक देश के सभी राज्यों में निधि समर्पण अभियान चलाया गया था।
अयोध्या में बनने वाला राममंदिर अष्टकोणीय बनेगा। पूरा मंदिर 380 फीट लंबा ,250 फीट चौड़ा, और 161 फीट ऊंचा होगा। इसमें तीन तल के मंदिर में 392 स्तंभ लगेंगे। यहां यात्री सुविधाओं का भी खास ख्याल रखा जाएगा।
श्री राम लला का महल यानी राम मंदिर 1 जून को सुबह 9 बजे से बनना शुरू हो जाएगा। गर्भगृह की नींव बनकर तैयार हो गई है । अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ यजमान बनकर मंदिर के पहले पिलर की पूजा-अर्चना में शामिल होंगे। इसी के साथ राम भक्तों की सदियों पुरानी अभिलाषा को पंख लग जाएंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया मंदिर की नींव बनाने में 2 वर्ष का समय लगा है।
श्रीरामलला के स्थाई भव्य राममंदिर के निर्माण की तैयारी जोरों पर है। पीएम नरेंद्र मोदी के भूमि पूजन कार्यक्रम की तरह इस दूसरे बड़े आयोजन को भब्य बनाने की योजना है। 1 जून को सीएम योगी आदित्यनाथ गर्भगृह की आधारशिला का पूजन करेंगे। इस पल को अविस्मरणीय बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और योगी सरकार जुट गई है।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य लगातार जारी है। काम की रफ्तार को देखते हुए साफतौर पर कहा जा रहा है कि तय समय के भीतर इसे आयाम तक पहुंचाया जा सकेगा। निर्माण को लेकर कई राज्यों से पत्थर आ रहे हैं।
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मंदिर का काम अगस्त, 2020 से शुरू हुआ है और तब से निरंतर चल रहा है। अब तक मंदिर की नींव का काम पूरा हो चुका है और अब चबूतरे को बनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा के मुताबिक, दिसंबर 2023 तक गर्भगृह का काम पूरा हो जाएगा। वहीं मंदिर परिसर के बाकी काम को 2024 के आखिर तक पूरा करने का लक्ष्य है।
रामलला की जन्मभूमि अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर की नींव को इतना मजबूत बनाया गया है कि इसके लिए करीब 2.77 एकड़ क्षेत्र में पहले 15 मीटर गहरी खुदाई की गई। इसके बाद उसे एक खास तरह के मटेरियल से भर कर फाउंडेशन तैयार किया गया।
अयोध्या स्थित भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण में कई बड़ी एजेंसियों और इंस्टिट्यूट ने सहयोग किया है। इनमें देश के 5 बड़े आईआईटी संस्थानों का भी योगदान है। इनकी तकनीक और मंदद के चलते मंदिर कम से कम 1000 सालों तक टस से मस नहीं होगा।
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है। अगस्त, 2020 से अब तक मंदिर की मजबूत नींव का काम पूरा हो चुका है। दिसंबर, 2023 तक गर्भगृह बनकर तैयार हो जाएगा और तीर्थयात्री रामलला के दर्शन कर सकेंगे।