21 जनवरी को संत सम्मेलन भी होगा। जिसमें देश के कोने-कोने से आए साधु संत शिरकत करेंगे। जिसमें इन प्रस्तावों पर भी मुहर लगेगी। इनमें देशभर से दो हजार बड़े साधु-महात्मा आ रहे हैं।
प्रयागराज में 21 जनवरी को होने वाले संत सम्मेलन में देशभ से साधु-महात्मा बुलाए गए हैं। इनमें दो हजार बड़े संत-महात्मा को आमंत्रण भी भेज दिया गया है। इनमें ज्यादातर ने यहां आने की सहमति प्रदान कर दी है। ज्यादातर संत-महात्मा 20 जनवरी को ही आ जाएंगे, जिनके ठहरने की व्यवस्था कराई जा रही है।
माघ मेला क्षेत्र में विहिप के शिविर में अयोध्या के राम मंदिर का मॉडल रखा गया है। यहां पर रखे गए मॉडल का निर्माण सीतापुर की स्वयंसेवी संस्थाओं ने किया है। मेले तक यहां आने वाले श्रद्धालु इसका दीदार कर सकेंगे।
माघ मेले में ही लगने वाले विश्व हिंदू परिषद के शिविर में 20 जनवरी को केंदीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक होगी। इनमें राम मंदिर निर्माण से जुड़े कई बड़े प्रस्तावों के पास किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इसे अगले दिन होने वाले संत सम्मेलन में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्यवाही होगी।
मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का कार्य 65 फीसद हो चुका है। पत्थरों को यहां लाने से पहले न्यास कार्यशाला में उन्हें रखने के लिए जगह बनानी है, क्योंकि कार्यशाला में पहले से तराशे गए पत्थरों की भरी-पूरी श्रृंखला मौजूद है। न्यास कार्यशाला की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
यह विशेष तरह की मटियारी मिट्टी बनी ईंटें होंगी। ईंट में शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
रिव्यू पिटीशन पर सभी पक्षकार हाजी महबूब, मो उमर, मौलाना मह्फुज़ुर्र रहमान टांडा और बादशाह खान के हस्ताक्षर होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयाेध्या जिला प्रशासन ने राम जन्मभूमि परिसर की नाप-जाेख शुरू कर दी है। शुक्रवार को कमिश्नर मनोज मिश्र, आईजी डॉ. संजीव कुमार, डीएम अनुज कुमार झा ने परिसर का निरीक्षण किया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन रामलला को दे दी है। सरकार से कहा है कि तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण का काम शुरू करें। ऐसे में सवाल उठता है कि राम मंदिर कैसा होगा। मंदिर में लगने वाली मूर्तियां कैसी होंगी।
दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार को मंदिर के निमार्ण के लिए सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को राम मंदिर बनवाने के लिए देश की पांच पीठों के शंकराचार्यों को शामिल करना चाहिए। साथ ही राम मंदिर निर्माण के नाम पर जमा हुई धनराशि का उपयोग करना चाहिए।