वास्तु शास्त्र में सूर्य को बहुत की खास माना गया है। क्योंकि ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र सूर्य ही है। वास्तुशास्त्र के सिद्धांत सूर्य को ही ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
वास्तु शास्त्र में 7 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनका ध्यान रखें तो आपको नौकरी एवं व्यवसाय में उन्नति के साथ धन का लाभ भी मिलता रहेगा। इसके अलावा घर में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
वास्तु में घर की वस्तुओं के लिए शुभ-अशुभ दिशाएं बताई गई हैं। अगर चीजें सही दिशा में रखी होती हैं तो घर में सकारात्मकता बढ़ती है। वास्तु में आठ दिशाएं बताई गई हैं, सभी दिशाओं का अलग-अलग महत्व बताया है।
फेंगशुई में शो-पीस दिखने वाली अनेक चीजों का उपयोग घर के वास्तु दोष को दूर करने के लिए किया जाता है। ड्रेगन भी उन्हीं में से एक है। फेंगशुई के अनुसार, ड्रैगन उन चार दिव्य जानवरों में से एक है जिन्हें भाग्य का प्रतीक माना जाता रहा हैं।
वास्तु शास्त्र के ग्रंथों में भोजनशाला यानी किचन को बहुत ही खास माना गया है। वराहमिहिर के ज्योतिष ग्रंथ बृहत्संहिता में बताया गया है कि घर का किचन पूर्व और दक्षिण दिशा के बीच में होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में हर दिशा के एक विशेष महत्व बताया गया है। हर दिशा के एक स्वामी हैं। उत्तर दिशा के स्वामी धन के देवता कुबेर हैं।
घर हो या ऑफिस, अगर इन जगहों पर वास्तु दोष रहते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इस वजह से काम में मन नहीं लगता है। तनाव बना रहता है।
किचन घर का महत्वपूर्ण स्थान होता है। किचन में अगर वास्तु दोष हो तो उसका सबसे ज्यादा नेगेटिव इफेक्ट परिवार की महिलाओं पर ही पड़ता है।
घर में रखा हर सामान घर के वास्तु पर अपना गहरा प्रभाव डालता है। घर में कुछ विशेष प्रकार का सजावट का सामान रखने से उसका पॉजिटिव इफेक्ट कुछ ही समय में दिखाई देने लगता है।
वास्तु की कुछ टिप्स का ध्यान रखा जाए तो तनाव और क्रोध से बचाव हो सकता है।