मान्यता है कि घर-दुकान के एक्वेरियम में रखी मछलियां वहां के सदस्यों के ऊपर आने वाली मुसीबतों को टालती हैं और घर में धन-संपत्ति को भी बनाए रखती हैं।
वास्तु शास्त्र पंच तत्वों पर आधारित है- अग्नि, वायु, पानी, पृथ्वी व आकाश। सूर्य भी अग्नि का ही स्वरूप है। अत: सूर्य भी वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का हर हिस्सा उसमें रहने वाले लोगों पर नेगेटिव व पॉजिटिव असर डालता है। घर का मेन गेट बनवाते समय भी वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।
वर्तमान समय में बच्चों के लिए अलग से स्टडी रूम बनाए जाते हैं। ताकि बच्चे वहां आराम से पढ़ाई कर सकें।
वास्तु के अनुसार, घर में रहने वाले हर सदस्य को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि गलत आदतों का असर घर के ओरा मंडल पर भी पड़ता है।
अगर घर में कोई वास्तु दोष है तो नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। घर चाहे किराए का हो या खुद का।
भगवान श्रीगणेश के विभिन्न स्वरूप समस्त दिशाओं में हमारी रक्षा करते हैं। अगर आप वास्तु देवता को प्रसन्न करना चाहते है तो गणेश जी की पूजा अत्यंत शुभ फल देती है।
जब भी आप कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं तो आशा करते हैं आपका बिजनेस दिनोंदिन तरक्की करता रहे, लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता। बिजनेस न चलने के कई कारण हो सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में खिड़कियां होना बहुत आवश्यक है। खिड़कियों से ही नेगेटिव एनर्जी बाहर निकलती है और पॉजिटिव एनर्जी घर में प्रवेश करती है। खिड़कियों से घर की सुंदरता भी बढ़ती है।
बेडरूम हमारे घर का बहुत ही खास हिस्सा होता है। ये घर का वो हिस्सा है, जहां हम सबसे ज्यादा रिलेक्स फील करते हैं। हमारे जीवन का अधिकांश समय भी बेडरूम में ही गुजरता है, क्योंकि यहीं हम सोते या आराम करते हैं।