वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिणमुखी मकान लेने से बचना चाहिए क्योंकि इस दिशा के मकान शुभ फल प्रदान नहीं करते और जीवन में परेशानियां बढ़ाते हैं।
बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय होने के कारण बहुत ही पवित्र मानी जाती है। पवित्र होने के साथ-साथ वास्तु में भी बांसुरी का खास स्थान माना जाता है। अलग-अलग रंग और प्रकार की बांसुरी अलग-अलग फल देने वाली मानी जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य दरवाजा बहुत ही खास होता है। इससे जुड़े वास्तु दोष का असर परिवार के सभी सदस्यों पर पड़ता है, क्योंकि सभी लोग इसी दरवाजे से घर के अंदर प्रवेश करते हैं और बाहर जाते हैं।
वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से के बारे में बताया गया है। खिड़कियां भी उन्में से एक है। खिड़कियों की संख्या कितनी होनी चाहिए, किस दिशा में होनी चाहिए आदि जानकारी भी वास्तु शास्त्र में वर्णित है।
वास्तु दोष के कारण उत्पन्न हुई नकारात्मक ऊर्जा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमें प्रभावित जरूर करती है। घर में वास्तु दोष होने से इसका प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है।
कार्यस्थल यानी ऑफिस में वास्तु दोष हो तो उसका निगेटिव असर न सिर्फ वहां काम करने वाले लोगों बल्कि बिजनेस की ग्रोथ पर भी पड़ता है। इससे बचने के लिए नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना आवश्यक है।
लगभग सभी घरों में पितरों की तस्वीर तो होती ही है। पितरों की तस्वीर घर में लगाने से घर-परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है और घर के लोगों को कई लाभ मिलते हैं। अगर पितरों की तस्वीर गलत जगह पर लगा दी जाए तो ये अशुभ फलों का कारण भी बन सकता है।
फेंगशुई में अनेक ऐसी चीजें हैं जो ऊर्जा को संतुलित करती है जैसे धातु से बना पिरामिड। यही कारण है नकारात्मक ऊर्जा प्रवाह को दूर करने के लिए पिरामिड का प्रयोग किया जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का हर हिस्सा उसमें रहने वाले लोगों पर नेगेटिव व पॉजिटिव असर डालता है। घर का मेन गेट बनवाते समय भी वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नमक में गजब की शक्ति होती है, जो न सिर्फ आपके घर को पॉजीटिव एनर्जी से भर देती है बल्कि आपके घर में सुख समृद्धि भी बढ़ाती है और आपके दुर्भाग्य को सौभाग्य में भी बदल सकती है।