वास्तु शास्त्र में दिशाओं से दोष पर खास ध्यान दिया गया है। जिस दिशा में दोष होता है, उससे संबंधित अशुभ फल घर के मालिक और उसमें रहने वाले लोगों को भोगने पड़ते हैं। जब तक उस दोष का निराकरण नहीं किया जाता, तब तक समस्याएं बनी रहती हैं।
हिंदू पूजा पद्धति में फूल का उपयोग अवश्य किया जाता है। फूलों में गुलाब का खास महत्व है। हनुमानजी को गुलाब के फूल विशेष रूप से चढ़ाएं जाते हैं।
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में सबसे आगे रहे। इसके लिए वे हर संभव प्रयास भी करते हैं। लेकिन फिर भी बच्चे उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते। इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है।
वास्तु शास्त्र सकारात्मक यानी पॉजिटिव और नकारात्मक यानी निगेटिव एनर्जी के आधार पर काम करता है। घर में अगर निगेटिव एनर्जी अधिक होगी तो वहां रहने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पर्दे न सिर्फ घरों की खुबसूरती बढ़ाते हैं बल्कि बाहर से आने वाली गंदगी को भी रोकते हैं। ये पर्दे भी घर के वास्तु को प्रभावित करते हैं।
किचन घर का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा होता है। महिलाएं अपना काफी समय यहां बीताती हैं, इसलिए इसका वास्तु सम्मत होना बहुत जरूरी है।
हिंदू धर्म में ध्वज यानी झंडे का विशेष महत्व है। प्राचीन काल में प्रत्येक घर के ऊपर ध्वज लगाने की परंपरा रही है, लेकिन अब यह परंपरा केवल मंदिरों तक सिमटकर रह गई है।
वास्तु शास्त्र में प्रत्येक दिशा का एक-एक स्वामी और ग्रह निर्धारित किया गया है। वास्तु में चार मुख्य दिशाओं और चार उपदिशाओं अर्थात कुल आठ दिशाओं को मान्यता प्राप्त है।
घर का फर्नीचर भी वास्तु को प्रभावित करती है। फर्नीचर कैसा होना चाहिए, किस लकड़ी का बना होना चाहिए और किस तिथि व नक्षत्र में खरीदना चाहिए। इसके बारे में भी वास्तु शास्त्र में विस्तार से बताया गया है।
वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से के बारे खास टिप्स बताए गए हैं। उन बातों का ध्यान रखा जाए तो घर वास्तु दोष से मुक्त हो सकता है। आज हम आपको घर के ड्राइंग रूम से जुड़े कुछ खास वास्तु टिप्स के बारे में बता रहे हैं।