Aaj Ka Panchang: 14 मार्च, मंगलवार को पहले अनुराधा नक्षत्र होने से वज्र और इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे। इनके अलावा वज्र और सिद्धि नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 3:34 से शाम 5:02 तक रहेगा।
Sankashti Chaturthi March 2023: चैत्र मास की संकष्टी चतुर्थी को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति बन रही है। कुछ पंचांगों में संकष्टी चतुर्थी 10 मार्च को बताई गई है तो कुछ में 11 मार्च। इस वजह से दोनों दिन ये व्रत किया जाएगा।
4 मार्च, शनिवार को पहले पुष्य नक्षत्र होने से मित्र और इसके बाद आश्लेषा नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा शोभन और अतिगंड नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 9:44 से 11:11 तक रहेगा।
3 मार्च, शुक्रवार को पहले पुनर्वसु नक्षत्र होने से लुंबक और इसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से उत्पात नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि, सौभाग्य और शोभन नाम के 3 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
Amalaki Ekadashi 2023: इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 1 दिन बल्कि 2 दिन किया जाएगा। पहले दिन वैष्णव और दूसरे दिन स्मार्त मत को मानने वाले ये व्रत करेंगे। दोनों ही दिन शुभ योग बन रहे हैं।
March 2023 Festival Calendar: साल 2023 का तीसरा महीना मार्च कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इस महीने में हिंदू नववर्ष की शुरूआत होगी और चैत्र नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाएगा। और भी कई प्रमुख व्रत-त्योहार इस महीने में रहेंगे।
Vinayaki Chaturthi February 2023: विक्रम संवत 2079 का अंतिम विनायकी चतुर्थी व्रत 23 फरवरी, गुरुवार को किया जाएगा। इस दिन फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
Aaj Ka Panchang: 23 फरवरी, गुरुवार को रेवती नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा सवार्थसिद्धि, शुभ और शुक्ल नाम के 3 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 2:06 से 3:31 तक रहेगा।
18 फरवरी, शनिवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से चर और इसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से सुस्थिर नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इनके अलावा व्यातीपात, वरियान और सर्वार्थसिद्धि नाम के 3 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 9:51 से 11:16 तक रहेगा।
Vijaya Ekadashi 2023 Upay: इस बार 16 फरवरी को विजया एकादशी व्रत किया जाएगा। इस व्रत का महत्व कई धर्म ग्रंथों में मिलता है। मान्यता के अनुसार, ये व्रत भगवान श्रीराम ने भी किया था, जिसके प्रभाव से उन्होंने रावण का वध करने में सफलता प्राप्त की।