हिंदू धर्म में श्रावण (Shravan 2022) मास जिसे सावन भी कहते हैं का विशेष महत्व है। ये पूरा महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस बार श्रावण मास का आरंभ 14 जुलाई से हो रहा है, जो 11 अगस्त तक रहेगा।
कुछ दिनों के बाद गुरुवार, 14 जुलाई, गुरुवार से शिव जी की भक्ति का खास महीना सावन (Sawan 2022) शुरू हो रहा है। ये महीना 12 अगस्त, शुक्रवार तक रहेगा। इस महीने में कई बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे।
हिंदू धर्म में कुछ तिथियों को बहुत ही शुभ और विशेष माना गया है। इनमें से एकादशी तिथि भी एक है। हर महीने के दोनों पक्षों में ये तिथि आती है। इस तरह एक साल में इनकी संख्या 24 होती है। इन सभी का अलग-अलग नाम और महत्व होता है।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हर महीनें के दोनों पक्षों में एक-एक एकादशी तिथि आती है। इस तरह एक साल में 24 एकादशी होती है। इनमें से हर एकादशी का अलग-अलग महत्व है।
पंचांग के अनुसार, हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ (Ashadha Month 2022 Vrat Tyohar) होता है। ये महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही खास माना जाता है। इसी महीने में वर्षा ऋतु का आरंभ भी होता है।
हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कई व्रत किए जाते हैं। वट सावित्री पूर्णिमा (Vat Purnima Vart 2022) भी उनमें से एक है। ये व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर किया जाता है।
इस बार 11 जून, शनिवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। धर्म ग्रंथों में इसे त्रिविक्रम द्वादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
हिंदू धर्म में वैसे तो हर एकादशी का अपना अलग महत्व बताया गया है, लेकिन इन सभी में निर्जला एकादशी का महत्व सबसे अधिक है, क्योंकि इसके नियम बहुत कठिन हैं।
हिंदू धर्म में हर तिथि का एक विशेष महत्व बताया गया है। इन सभी तिथियों में एकादशी तिथि का महत्व सबसे अधिक है क्योंकि इसके स्वामी स्वयं भगवान विष्णु है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) का व्रत किया जाता है। इस एकादशी का महत्व साल भर में आने वाली सभी 23 एकादशियों से अधिक माना गया है।