हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है और व्रत भी रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों में चतुर्थी तिथि आती है। इस तरह एक माह में दो चतुर्थी का योग बनता है। इन दोनों ही चतुर्थी तिथि पर भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 90 के दशक में शिमला की एक महिला को साबूदाना खिचड़ी बनाना सिखाया था। इसके साथ ही उनके नवरात्रि व्रत को लेकर कुछ अनसुनी बातें भी सामने आई है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रंभा तीज (Rambha Teej 2022) का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 2 जून, गुरुवार को किया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) किया जाता है। ये व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य की इच्छा से करती हैं और कामना करती हैं कि उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे। इस बार ये व्रत 30 मई, सोमवार को है।
हिंदू धर्म में व्रत-उपवास करने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। कुछ व्रत साल में एक बार किए जाते हैं तो कुछ हर महीने। शिव चतुर्दशी (shiv chaturdashi 2022) भी ऐसा ही एक व्रत है।
June Calendar 2022 Vrat Festivals: साल 2022 का पांचवां महीना मई जल्दी ही समाप्त होने वाला है। इसके बाद जून शुरू होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, जून के पहले दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि रहेगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग नाम का शुभ योग भी बन रहा है।
हिंदू धर्म में वृक्षों को भी देवताओं के रूप में पूजा जाता है। ये परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। समय-समय पर इन वृक्षों से संबधित त्योहार भी मनाए जाते हैं। वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) भी इनमें से एक है।
हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2022) का व्रत किया जाता है। इस व्रत का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये व्रत 30 मई, सोमवार को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अभी ज्येष्ठ मास चल रहा है। इस महीने की अमावस्या तिथि का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2022) का व्रत विशेष रूप से किया जाता है।