हिंदू धर्म में व्रत-उपवास करने की परंपरा हजारों साल पुरानी है। कुछ व्रत साल में एक बार किए जाते हैं तो कुछ हर महीने। शिव चतुर्दशी (shiv chaturdashi 2022) भी ऐसा ही एक व्रत है।
June Calendar 2022 Vrat Festivals: साल 2022 का पांचवां महीना मई जल्दी ही समाप्त होने वाला है। इसके बाद जून शुरू होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, जून के पहले दिन ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि रहेगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग नाम का शुभ योग भी बन रहा है।
हिंदू धर्म में वृक्षों को भी देवताओं के रूप में पूजा जाता है। ये परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। समय-समय पर इन वृक्षों से संबधित त्योहार भी मनाए जाते हैं। वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2022) भी इनमें से एक है।
हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2022) का व्रत किया जाता है। इस व्रत का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये व्रत 30 मई, सोमवार को है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अभी ज्येष्ठ मास चल रहा है। इस महीने की अमावस्या तिथि का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2022) का व्रत विशेष रूप से किया जाता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2022) का व्रत किया जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है। इस बार ये व्रत 30 मई, सोमवार को किया जाएगा।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा और अचला एकादशी (Achala Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 26 मई, गुरुवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी (Achala Ekadashi 2022, Apara Ekadashi 2022) कहते हैं। इसका एक नाम अपरा भी है। इस बार ये एकादशी 26 मई, गुरुवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भी किसी महीने में रविवार और सप्तमी तिथि का योग बनता है तो उसे भानु सप्तमी (Bhanu Saptami 2022) कहते हैं। इस बार 22 मई, रविवार का ऐसा योग बन रहा है क्योंकि इस दिन ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी में सूर्योदय होगा।
प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 19 मई, गुरुवार को है। इस बार ज्येष्ठ मास की चतुर्थी होने से ये संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) व्रत कहलाएगा।