धर्म ग्रंथों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत किए जाते हैं। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) भी इनमें से एक है। ये व्रत प्रत्येक हिंदू महीने के दोनों पक्षों (शुक्ल व कृष्ण) की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
धर्म ग्रंथों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में 2 एकादशी तिथि आती है। इस तरह साल में कुल 24 एकादशी होती हैं। ये सभी भगवान विष्णु को प्रिय है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी (Sita Navami 2022) का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर माता जानकी धरती में से प्रकट हुई थीं। इस बार ये तिथि 10 मई, मंगलवार को है।
हिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख है। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। ये महीना 16 मई तक रहेगा। भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण इसे माधव मास भी कहते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) किया जाता है। इस व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 28 अप्रैल, गुरुवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है।
अप्रैल 2022 के अंतिम 3 दिनों (28, 29 और 30) में व्रत-उत्सवों का सुखद योग बन रहा है। इस संयोग मे शिव पूजा, शनि पूजा और पितृ पूजा करना शुभ फल देने वाला रहेगा। ऐसे संयोग कम बार ही बनता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत किया जाता है। इस तरह एक साल में 24 चतुर्थी तिथि होती है। लेकिन इन सभी में 4 चतुर्थी को बहुत ही विशेष माना गया है। इन्हें बड़ी चतुर्थी भी कहते हैं।
हिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख (Vaishakh month 2022) आज (17 अप्रैल, रविवार) से शुरू हो चुका है। ये महीना 16 मई तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार एक हिंदू मास में दो पक्ष होते हैं शुक्ल और कृष्ण। इन दोनों ही पक्षों की एकादशी तिथि बहुत ही खास होती है। इस तिथि का विशेष महत्व पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
प्रयागराज की नैनी जैल में सैकड़ों की संख्या में कैदी नवरात्रि और रोजा रखे हुए हैं। जेल प्रशासन की ओर से इनके लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं। जेल में पहले दिन तकरीबन 1532 कैदियों ने नवरात्रि का उपवास रखा।