20 जुलाई से सूर्य पुष्य नक्षत्र में था, जो अब अश्लेषा नक्षत्र में आ चुका है। सूर्य के अश्लेषा नक्षत्र में आने से मौसम में अचानक बदलाव होने लगेंगे।
1 अगस्त, शनिवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजा की जाती है, जिसे प्रदोष व्रत कहते हैं।
इस बार रक्षाबंधन (3 अगस्त, सोमवार) पर एक नहीं कईं शुभ योग बन रहे हैं।
इस बार 3 अगस्त, सोमवार रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। इसलिए इस दिन सुबह 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं।
आज (18 जुलाई, शनिवार) शनि प्रदोष का योग बन रहा है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष फल मिलता है।
इन दिनों पवित्र श्रावण मास चल रहा है। इस महीने में भगवान शिव के पूजन करने का विशेष महत्व है। हमारे धर्म ग्रंथों में भगवान शिव की अनेक अवतारों के बारे में भी बताया गया है, लेकिन बहुत कम लोग शिव के इन अवतारों के बारे में जानते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो बार त्रयोदशी तिथि आती है। इस तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस बार 18 जुलाई, शनिवार को शनि प्रदोष का योग बन रहा है।
15 जून, सोमवार को सूर्य राशि बदलकर मिथुन में आ गया है। सूर्य के मिथुन राशि में आने से 2 अशुभ योग बन रहे हैं। इस राशि में ही 21 जून को सूर्यग्रहण होने वाला है।
रविवार, 21 जून को सूर्य ग्रहण और रविवार, 5 जुलाई को मांद्य चंद्र ग्रहण होगा। इससे पहले 5 जून को भी मांद्य चंद्र ग्रहण हुआ था। ऐसे ही ग्रहण 58 साल पहले भी हुए थे।
इस बार 18 से 25 जून के बीच ग्रहों की दुर्लभ स्थिति बन रही है, क्योंकि इस दौरान एक साथ 6 ग्रह वक्री रहेंगे।